बिहार के Supaul जिले के Chhatapur प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय शंकर पट्टी, महम्मदगंज पंचायत से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मंगलवार को मिड-डे मील (Mid Day Meal) खाने के बाद अचानक 100 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए। खिचड़ी और चोखा खाने के कुछ ही मिनटों बाद ही बच्चों में उल्टी, पेट दर्द और घबराहट की शिकायतें शुरू हो गईं। देखते ही देखते पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
परिजन बच्चों को तुरंत छातापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां इलाज के बाद उनकी हालत में कुछ सुधार आया। स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत मेडिकल टीम मौके पर भेजकर निगरानी शुरू की।
VIP नेता Sanjeev Mishra पहुंचे स्कूल, किया औचक निरीक्षण
जैसे ही घटना की जानकारी Vikassheel Insaan Party (VIP) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और Panorama Group के निदेशक Sanjeev Mishra को मिली, वे खुद विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मिड-डे मील में उपयोग किया गया चावल सड़ा हुआ था, जिसकी वजह से यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई। मिश्रा ने कहा कि यह महज एक हादसा नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी है।
शिक्षा सामग्री बिखरी, ढांचा जर्जर — स्कूल की हालत देख मिश्रा हुए नाराज़
निरीक्षण के दौरान Sanjeev Mishra ने यह भी देखा कि विद्यालय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत भेजी गई किताबें और टीचिंग मटीरियल कचरे की तरह इधर-उधर बिखरी पड़ी थीं। केवल चार कमरों में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई हो रही है और कई कक्षाओं के लिए शिक्षक ही उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने स्कूल के ढांचे को “बेहद चिंताजनक” बताया और कहा कि इससे बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। उन्होंने प्रशासन की ओर इशारा करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।
कार्रवाई की मांग, पांच सुझाव रखे गए
Sanjeev Mishra ने जिलाधिकारी, BEO और DEO से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने पांच प्रमुख बिंदु सरकार के सामने रखे:
- मिड-डे मील की नियमित गुणवत्ता जांच हो
- दोषी कर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो
- स्कूल की आधारभूत संरचना में सुधार
- शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी
- बच्चों को समय पर शैक्षणिक सामग्री मिले
राजनीति नहीं, बच्चों के भविष्य की लड़ाई
विद्यालय में बच्चों के अभिभावकों से बातचीत करते हुए Sanjeev Mishra ने भरोसा दिलाया कि VIP पार्टी इस मुद्दे को राज्यस्तर तक उठाएगी। उन्होंने कहा, “राजनीति का असली उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा और जवाबदेही है। बच्चों के भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
यह घटना न सिर्फ बिहार के शिक्षा तंत्र की विफलता को उजागर करती है, बल्कि सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की निगरानी और जवाबदेही को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।