पटना में काली साजिश! खेमका के बाद अब बालू काराबोरी रमाकांत की दिनदहाड़े हत्या, फिर वही पैटर्न?

एक हफ्ते में दो व्यापारियों की गोली मारकर हत्या, पुलिस के सामने फिर बड़ा सवाल – क्या पटना में ‘किलर सिंडिकेट’ एक्टिव है?

Patna Sand Businessman Ramakant Yadav Shot Dead After Gopal Khemka Murder
Patna Sand Businessman Ramakant Yadav Shot Dead After Gopal Khemka Murder (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना में अपराधियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। महज एक हफ्ते पहले चर्चित व्यापारी Gopal Khemka की हत्या के बाद अब एक और सनसनीखेज वारदात ने राजधानी को दहला दिया है। Ramakant Yadav, जो बालू कारोबारी थे, को गुरुवार की शाम उनके घर के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया। मामला पटना के रानी बाजार थाना क्षेत्र का है।

टहलते वक्त हुआ हमला, गोलियों की बौछार से हुई मौत

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रमाकांत यादव शाम के समय अपने घर के बगीचे में टहल रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से रमाकांत वहीं गिर पड़े। जब तक परिजन कुछ समझ पाते, हमलावर फरार हो चुके थे। परिजन उन्हें फौरन बिहटा के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुराने झगड़े का कनेक्शन या अपराधियों की सीरीज?

रिपोर्ट्स के अनुसार रमाकांत यादव रानी तालाब थाना क्षेत्र के धाना गांव के निवासी थे और बालू कारोबार में सक्रिय थे। परिजनों ने खुलासा किया है कि उनके भाई Umakant Yadav की भी 15 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमाकांत उस वक्त क्षेत्र के मुखिया थे। इस बार भी आशंका जताई जा रही है कि यह हत्या आपसी रंजिश का नतीजा हो सकती है। पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं से जांच कर रही है।

खेमका कांड की तरह ही पैटर्न, पुलिस पर सवाल

पिछले हफ्ते ही Gopal Khemka को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी। उस केस में जमीन विवाद के चलते बिल्डर Ashok Sah ने सुपारी दी थी, जिसकी पुष्टि पुलिस ने की। वहीं अब रमाकांत यादव की हत्या से एक बार फिर पुलिस पर दबाव बढ़ गया है कि आखिर क्यों पटना में लगातार व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा है?

‘बड़े कारोबारी खतरे में’, व्यवसायिक दुश्मनी या सुनियोजित गैंग?

पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा और अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन लगातार हो रही इन हत्याओं ने राजधानी के व्यापारिक वर्ग को डरा दिया है। कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी सिंडिकेट ने कारोबारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है?

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