Badrinath यात्रा में भीषण हादसा: Alaknanda River में गिरी मिनी बस, 2 की मौत, 10 लापता

उत्तराखंड में श्रद्धालुओं से भरी बस अलकनंदा में समाई, हादसे ने तीर्थ यात्रा को बना दिया मातम का सफर

Badrinath Mini Bus Accident Alaknanda River
Badrinath Mini Bus Accident Alaknanda River (Source: BBN24/Google/Social Media)

उत्तराखंड में गुरुवार तड़के एक भीषण सड़क हादसे ने तीर्थयात्रा के माहौल को मातम में बदल दिया। बदरीनाथ जा रही श्रद्धालुओं से भरी एक मिनी बस रुद्रप्रयाग और गौचर के बीच स्थित घोलतीर गांव के पास फिसलकर अलकनंदा नदी में जा गिरी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 श्रद्धालु अब भी लापता हैं।

चारधाम यात्रा का सीजन जोरों पर है और भक्तों की आवाजाही भी लगातार बनी हुई है। बारिश और भूस्खलन के खतरे के बावजूद श्रद्धालु अपने धार्मिक सफर पर निकले हुए हैं। लेकिन प्राकृतिक आपदा और मानवीय लापरवाही ने एक दर्दनाक मंजर पैदा कर दिया। Badrinath धाम की ओर जा रही इस बस ने 20 यात्रियों को लेकर यात्रा शुरू की थी, लेकिन घोलतीर गांव के पास पहुंचने पर यह वाहन संतुलन खो बैठा और सीधे अलकनंदा नदी में जा समाया।

घायलों को निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया

पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे में आठ श्रद्धालु घायल हुए हैं। सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस में सवार अधिकांश यात्री Rajasthan के Udaipur जिले से आए थे और चारधाम यात्रा पर निकले थे।

तेज बहाव ने बचाव कार्यों में डाला रोड़ा

राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) और पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। लेकिन अलकनंदा नदी का तेज बहाव रेस्क्यू टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। हादसे के बाद दो शवों को बरामद कर लिया गया है, जबकि अन्य 10 श्रद्धालुओं की तलाश अब भी जारी है।

बस में क्षमता से कम सवार थे यात्री

जानकारी के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त मिनी बस में कुल 31 यात्रियों की क्षमता थी, लेकिन हादसे के समय उसमें सिर्फ 20 लोग सवार थे जिनमें से कई पहाड़ी से नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। SDRF की टीमें लगातार नदी और आसपास के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।

तीर्थ यात्रा में सावधानी जरूरी

यह हादसा एक बार फिर इस बात की चेतावनी देता है कि मानसून के मौसम में पहाड़ी यात्राएं अत्यधिक जोखिम भरी हो सकती हैं। तीर्थ यात्रियों को चाहिए कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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