राजनीति का एक युग खत्म! ‘Dadai Dubey’ नहीं रहे, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस

झारखंड के कद्दावर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर उर्फ ददई दुबे का निधन, अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर दिल्ली से रांची और फिर गढ़वा लाया जाएगा

Dadai Dubey Death Former Jharkhand Minister Passes Away
Dadai Dubey Death Former Jharkhand Minister Passes Away (Source: BBN24/Google/Social Media)

झारखंड कांग्रेस के दिग्गज नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का गुरुवार को निधन हो गया। वे कई बार विश्रामपुर विधानसभा से विधायक रहे और मजदूर वर्ग की आवाज माने जाते थे। लंबे समय से बीमार चल रहे दुबे जी का इलाज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से गढ़वा जिले और पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है।

कंडी गांव से विधानसभा तक का सफर

2 जनवरी 1946 को गढ़वा के कंडी गांव में जन्मे ददई दुबे ने 1970 में राजनीति में कदम रखा। शुरुआत मुखिया पद से हुई और जल्द ही वे स्थानीय जन-आंदोलनों का बड़ा चेहरा बन गए। 1985 में उन्होंने पलामू के विश्रामपुर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। 2000 में अविभाजित बिहार की राबड़ी देवी सरकार में उन्हें श्रम एवं रोजगार मंत्री बनाया गया।

संसद से लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय तक की भूमिका

2014 में झारखंड के धनबाद से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। इस दौरान वे राज्य में ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे। भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस से 1977 में जुड़ने के बाद उन्होंने मजदूरों की आवाज़ बुलंद की और संगठन के प्रमुख नेताओं में शामिल हुए।

चार बार विधायक, एक सशक्त जननेता

1985, 1990, 2000 और 2009 में विश्रामपुर से विधायक चुने गए ददई दुबे ने अपने कार्यकाल में क्षेत्रीय विकास और श्रमिक हितों पर ज़ोर दिया। उनकी राजनीतिक सादगी और आम लोगों से जुड़ाव ने उन्हें जनता का नेता बना दिया।

अंतिम यात्रा की तैयारियां शुरू

मिली जानकारी के अनुसार, ददई दुबे का पार्थिव शरीर पहले दिल्ली के कांग्रेस कार्यालय लाया जाएगा। फिर रांची स्थित पार्टी कार्यालय और अंत में उनके गृह जिला गढ़वा में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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