कर्नाटक के रामतीर्थ पहाड़ियों में गुफा में अपने बच्चों संग रह रही Russian Woman Nina Kutina ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है। 40 वर्षीय नीना, जो अपने 6 साल की बेटी Preya और 4 साल की बेटी Emma के साथ गुफा में रह रही थी, ने कहा- “मैं पागल नहीं हूं, हम वहां मरने नहीं बल्कि जीने गए थे। बच्चे प्रकृति में खुश थे।”
Nina Kutina इस वक्त पुलिस की निगरानी में एक साध्वी के आश्रम में है। उसके भारत आने की वजह बिजनेस वीजा था, जो काफी समय पहले खत्म हो चुका है। लेकिन सवाल ये है कि कोई विदेशी महिला अपने छोटे बच्चों को लेकर जंगल में गुफा में कैसे रहने लगी?
जंगल में मिलती थी शांति, बच्चे भी सीख रहे थे प्रकृति से
Nina Kutina ने ANI से बातचीत में कहा,
“मुझे जंगल में रहना पसंद है। मैं बच्चों को वहां अच्छा खाना बनाकर खिलाती थी। वो झरनों में नहाते थे, मिट्टी से कलाकृतियां बनाना सीखे। जंगल में रहना हमारे लिए सीखने और आनंद लेने जैसा था।”
नीना ने साफ कहा,
“मैं पागल नहीं हूं कि बच्चों को वहां मरने ले जाती। मुझे जंगल में जीने का तरीका पता है। हम वहां मर नहीं रहे थे, जी रहे थे।”
पुलिस की गश्त से हुआ खुलासा, कपड़ों ने खोली गुफा की कहानी
रामतीर्थ पहाड़ियों में जब प्रशासन की टीम भूस्खलन का जायजा लेने गई तो एक चट्टान पर सूखते कपड़े नजर आए। जब अधिकारी वहां पहुंचे तो चौंक गए।
एक अधिकारी ने कहा,
“अगर कपड़े न दिखते तो कभी पता नहीं चलता। वह जगह पूरी तरह से छिपी हुई थी। नीना और उसकी बेटियां पूरी तरह ध्यान और प्रार्थना में लीन रहती थीं। कैसे वे इतने समय तक जीवित रहीं, ये रहस्य है।”
अब होगी निर्वासन की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि इस परिवार का किसी स्थानीय से कोई संपर्क नहीं था। वे चुपचाप आत्मिक शांति की तलाश में जंगल में रह रहे थे। हालांकि अब नीना का वीजा समाप्त हो चुका है और उसके खिलाफ निर्वासन की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जल्द ही उसे भारत से वापस उसके देश रूस भेजने की तैयारी है।