पटना। बिहार की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब पूर्व केंद्रीय मंत्री Ashwini Choubey को Bihar BJP की कार्यसमिति की बैठक में न केवल नजरअंदाज किया गया, बल्कि उनके नाम की कुर्सी तक वहां नहीं लगी थी। बैठक का आयोजन पटना स्थित ज्ञान भवन में Defence Minister Rajnath Singh की अध्यक्षता में हुआ था।
Ashwini Choubey बैठक में समय से पहुंचे और अपने नाम की पर्ची तलाशते हुए सभागार में आगे-पीछे चक्कर लगाते रहे। लेकिन जब उन्हें कहीं अपनी पहचान की कुर्सी नहीं मिली तो वे नाराज हो गए और बिना कुछ कहे बैठक से बाहर निकल गए। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान Union Minister Giriraj Singh भी वहां मौजूद थे। उन्होंने स्थिति को भांपते हुए Choubey को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
Choubey बोले- “कोई बात नहीं”, लेकिन चेहरा बोल गया बहुत कुछ
घटना के बाद जब मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल पूछे तो Ashwini Choubey ने शांत लहजे में जवाब दिया कि उन्हें किसी अन्य कार्यक्रम में जाना है, इसलिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “पूरा हाल हमारे लिए है, जगह नहीं मिलने की कोई बात नहीं है। सनातन महाकुंभ का कार्यक्रम है, वहां जा रहा हूं।”
लेकिन उनके चेहरे की नाराजगी को वहां मौजूद हर किसी ने महसूस किया। उनके यूं कार्यक्रम छोड़कर चले जाने से सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
BJP में गुटबाजी की ओर इशारा करती है ये घटना
राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेता की मौजूदगी में किसी वरिष्ठ नेता का यूं बैठक से चले जाना पार्टी की आंतरिक खींचतान की ओर इशारा करता है। Choubey को कार्यसमिति में स्थान न दिए जाने को कई लोग बिहार बीजेपी में जारी गुटबाजी का नतीजा मान रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की घटनाएं पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रही हैं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर
कार्यसमिति जैसी महत्वपूर्ण बैठक में Ashwini Choubey को जगह न मिलना, उनकी कुर्सी का न लगना और उनका यूं बैठक से चले जाना अब एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में बदल चुका है। पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं और इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं में भी असमंजस है।