Rashtriya Lok Janshakti Party (RLJP) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री Pashupati Kumar Paras ने 5 जुलाई को अपने बड़े भाई और दलित नेता Ramvilas Paswan की 79वीं जयंती को भव्य रूप में मनाने का फैसला किया है। इस मौके पर बिहार की राजनीति में एक बड़ा सियासी समागम देखने को मिल सकता है।
Mahagathbandhan के तमाम प्रमुख दलों के नेताओं को इस समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा गया है। पारस इस आयोजन के जरिए अपने राजनीतिक इरादों का संकेत देने वाले हैं। बताया जा रहा है कि NDA से नाता तोड़ने के बाद यह पहला बड़ा कार्यक्रम है जिसमें उनकी रणनीति खुलकर सामने आ सकती है।
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के संकेत
RLJP और Dalit Sena के राष्ट्रीय प्रवक्ता Shravan Kumar Agrawal ने जानकारी दी कि Ramvilas Paswan की जयंती 5 जुलाई को पार्टी के राज्य कार्यालय में मनाई जाएगी। इस अवसर पर RLJP के शीर्ष नेता, कार्यकर्ता और अन्य दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद Surajbhan Singh, चंदन सिंह और अन्य प्रमुख नेता भी शिरकत करेंगे। कार्यक्रम के बाद पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक भी प्रस्तावित है जिसमें संगठनात्मक दिशा और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।
NDA से अलग होने के बाद नई राह पर पारस
यह कार्यक्रम ऐसे वक्त पर हो रहा है जब Pashupati Paras ने NDA से दूरी बना ली है। कुछ हफ्तों पहले उनके आवास पर आयोजित दही-चूड़ा भोज में RJD अध्यक्ष Lalu Yadav की उपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। उस दौरान पारस ने यह कहकर सबका ध्यान खींचा था कि “कुछ फैसलों को भविष्य पर छोड़ देना चाहिए”।
अब जब Mahagathbandhan में उनकी एंट्री की चर्चा जोर पकड़ रही है, ऐसे में 5 जुलाई को होने वाला यह कार्यक्रम पारस की अगली राजनीतिक दिशा को लेकर बड़ा संकेत हो सकता है।
पार्टी में बदलाव की संभावना, तेजस्वी ने भी दिए संकेत
Tejashwi Yadav से जब Pashupati Paras के महागठबंधन में शामिल होने की संभावना पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा—”अभी तो खिड़की खुली है, आगे देखेंगे।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पारस गठबंधन का रुख करते हैं तो बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव संभव है। इससे RLJP को नई पहचान मिल सकती है और दलित राजनीति को भी एक नई दिशा।