उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से दिल दहला देने वाली लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां बकेवर कस्बे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में सोमवार रात गेट पर ताला बंद मिला, जिससे एक गर्भवती महिला को अस्पताल के बरामदे में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा।
मामला देवमई गांव निवासी संजय पासवान की पत्नी अनुराधा देवी (30) से जुड़ा है, जो नौ माह की गर्भवती थी और दो बच्चों के साथ बकेवर कस्बे में किराए पर रहती हैं। उनके पति बाहर के राज्य में प्राइवेट नौकरी करते हैं।
सोमवार देर रात करीब तीन बजे उन्हें तेज प्रसव पीड़ा हुई। वह किसी तरह अपने दोनों बच्चों के साथ PHC पहुंचीं, लेकिन वहां अस्पताल का दरवाजा बंद मिला और गेट पर ताला लटका हुआ था।
112 और 108 नंबर पर करती रहीं कॉल, नहीं मिला कोई जवाब
गंभीर हालत में भी अनुराधा देवी ने हिम्मत नहीं हारी और मदद के लिए 112 (पुलिस इमरजेंसी) और 108 (एम्बुलेंस सेवा) पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क ना होने या व्यवस्था फेल होने के कारण कोई संपर्क नहीं हो सका।
बरामदे में सुबह 5 बजे दिया बच्चे को जन्म
रातभर दर्द से तड़पने के बाद आखिरकार सुबह लगभग पांच बजे महिला ने अस्पताल के बाहर बरामदे में ही बच्चे को जन्म दे दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सुबह 8 बजे जब PHC का स्टाफ पहुंचा, तब जाकर महिला को अंदर भर्ती किया गया।
जच्चा-बच्चा दोनों फिलहाल सुरक्षित
गनीमत रही कि महिला और नवजात दोनों की हालत फिलहाल ठीक बताई जा रही है। हालांकि, इस मामले ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
यह घटना न सिर्फ इंसानियत बल्कि सरकारी लापरवाही की पोल खोल रही है। अस्पताल 24×7 सेवा देने के नाम पर खुला है, लेकिन मौके पर कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं था। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में गुस्सा है।