बांग्लादेश के कोमिला जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां महज 35 हज़ार टका की उधारी के बदले एक हिंदू महिला को उसके ही घर में बीएनपी नेता फजर अली द्वारा न सिर्फ निर्वस्त्र किया गया, बल्कि उसके साथ बलात्कार कर वीडियो भी बनाया गया। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिसके बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है।
बीएनपी नेता फजर अली पर लगा सनसनीखेज आरोप
आरोपी फजर अली खुद को खालिदा ज़िया की पार्टी Bangladesh Nationalist Party (BNP) का कार्यकर्ता बताता है। बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला के परिवार ने उससे कुछ वक्त पहले 35 हज़ार टका उधार लिए थे। जब repayment में देरी हुई, तो फजर अली ने इसका खौफनाक बदला लिया।
घर में घुसकर दरवाज़ा तोड़ा, फिर महिला को बनाया शिकार
घटना गुरुवार रात की है, जब पीड़िता अपने घर में अकेली थी। आरोपी फजर अली रात लगभग 11 बजे उसके घर पहुंचा और दरवाज़ा खटखटाया। महिला के इनकार करने पर उसने जबरन दरवाज़ा तोड़ दिया और घर में घुसकर महिला को निर्वस्त्र कर दिया। इसके बाद उसने उसके साथ ज़बरदस्ती की और पूरी घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया।
महिला की चीखें सुनकर पहुंचे पड़ोसी, हुआ खुलासा
पीड़िता की चीखें सुनकर जब पड़ोसी पहुंचे तो उन्होंने आरोपी को आपत्तिजनक हालत में देखा। कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बना लिया, लेकिन शुरुआती भ्रम के कारण भीड़ ने महिला को ही दोषी मान लिया और उसके साथ मारपीट की। जब महिला ने रोते हुए आपबीती सुनाई, तो सच्चाई सामने आई और भीड़ ने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की।
पुलिस ने ढाका से किया आरोपी को गिरफ्तार
फजर अली मौके से भागने में सफल रहा और बाद में ढाका के एक अस्पताल में भर्ती हुआ। लेकिन पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, हिंदू समुदाय का गुस्सा फूटा
घटना का वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद कोमिला और अन्य शहरों में हिंदू समुदाय ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लोगों की मांग है कि आरोपी को जल्द से जल्द फांसी दी जाए।
अब तक पांच गिरफ्तार, जांच जारी
इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्य आरोपी फजर अली के अलावा वीडियो शूट करने वाले चार अन्य युवक भी हिरासत में हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
महिलाओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने बांग्लादेश में महिलाओं की सुरक्षा और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।