पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों एनडीए (NDA) के दो कद्दावर दलित नेता Chirag Paswan और Jitan Ram Manjhi के बीच चल रही तनातनी सुर्खियों में है। लेकिन गुरुवार को इस राजनीतिक तनाव को खत्म करने की कोशिश खुद केंद्रीय मंत्री Chirag Paswan ने की। उन्होंने अपने सहयोगी मंत्री और हम (Hindustani Awam Morcha) प्रमुख Jitan Ram Manjhi को “पिता समान” बताते हुए कहा कि वह उनसे निरंतर सीखते हैं और उनका अनुभव उनके लिए अमूल्य है।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद दिया सियासी बयान
गुरुवार को Chirag Paswan राज्यपाल Arif Mohammad Khan से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे। मुलाकात के बाद जब पत्रकारों ने उनसे मांझी के साथ चल रहे कथित विवाद पर सवाल किया, तो उन्होंने सधे शब्दों में कहा,
“मांझी जी मेरे पिता तुल्य हैं। उनकी उम्र और अनुभव मेरे जैसे युवा नेता की तुलना में कहीं अधिक है। मैं उनसे संसद में भी मार्गदर्शन लेता हूं। उन्होंने जो भी कहा, वह मेरे लिए आशीर्वाद के समान है।”
विपक्ष नहीं दिखा पाएगा दरार
Chirag Paswan ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके और मांझी के बयानों का इस्तेमाल एनडीए में दरार दिखाने की कोशिश के तौर पर किया जा रहा है, लेकिन ऐसा मंसूबा कभी कामयाब नहीं होगा। उन्होंने साफ किया कि मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि रिश्तों में दूरी है।
पिछले बयानों से बढ़ी थी गर्मी
हाल के दिनों में Jitan Ram Manjhi के कुछ बयानों ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी थी। मांझी ने कहा था कि Chirag में “समझदारी और अनुभव की कमी” है। इसके अलावा आरा में Lok Janshakti Party (Ram Vilas) की जनसभा के दौरान भी बिना नाम लिए Chirag Paswan पर भीड़ जुटाने के लिए पैसे खर्च करने का आरोप लगाया गया था।
अब सुलह के संकेत
Chirag के इस बयान के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए की अंदरूनी सियासत में अब संतुलन वापस आ सकता है। यह पहल लोकसभा चुनाव के नजदीक आते समय और भी अहम मानी जा रही है, जब एकजुटता की सबसे ज्यादा ज़रूरत है।