बिहार में सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर का एक नया युग शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री Nitish Kumar की अगुवाई में प्रदेश के कोने-कोने को जोड़ने वाले 4 नए Expressway प्रोजेक्ट्स पर काम तेज़ी से चल रहा है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होते ही कोई भी व्यक्ति सिर्फ 3.5 घंटे में पटना तक पहुंच सकेगा—चाहे वो पूर्णिया, बक्सर, भागलपुर, रक्सौल या सिलीगुड़ी में क्यों न रहता हो।
बिहार में सड़क निर्माण की ऐतिहासिक रफ्तार
पथ निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2005 में बिहार में जहां सिर्फ 14,468 किमी सड़कें थीं, वहीं 2025 तक यह आंकड़ा 26,000 किमी पार कर जाएगा। इसमें राष्ट्रीय उच्च पथ (NH) और राज्य उच्च पथ (SH) दोनों में बड़े स्तर पर विस्तार हुआ है।
सड़क श्रेणी | 2005 की लंबाई | 2025 तक अनुमानित लंबाई |
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NH | 3,629 किमी | 6,147 किमी |
SH | 2,382 किमी | 3,638 किमी |
जिला पथ | 8,457 किमी | 16,296 किमी |
अब सिंगल लेन नहीं, बिहार दौड़ेगा चार और छह लेन पर
वर्ष 2005 से पहले अधिकांश सड़कें सिंगल लेन थीं, लेकिन अब चार लेन और छह लेन सड़कों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अब NH की 1,704 किमी लंबाई फोर और सिक्स लेन हो चुकी है। SH में भी अब 2,786 किमी सड़कें दो लेन की हो गई हैं।
2005 से पहले नहीं था कोई एक्सप्रेसवे, अब बन रहे हैं 5
नीतीश सरकार से पहले बिहार में कोई भी Expressway मौजूद नहीं था। लेकिन अब जो 5 बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजनाएं चल रही हैं, वे पूरे राज्य की तस्वीर बदलने जा रही हैं:
- Raxaul-Haldia Expressway – 408 KM
- Gorakhpur-Siliguri Expressway – 417 KM
- Patna-Purnia Expressway – 250 KM
- Buxar-Bhagalpur Expressway – 300 KM
- Varanasi-Kolkata Expressway (बिहार हिस्से में) – 161 KM
2027 तक 3.5 घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य
राज्य सरकार की नई योजना के मुताबिक 2027 तक बिहार के किसी भी हिस्से से पटना अधिकतम 3.5 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इससे पहले “राजधानी 5 घंटे में” योजना को सफलता पूर्वक लागू किया गया है।
बिहार अब सिर्फ कृषि और पलायन के लिए नहीं, बल्कि हाई स्पीड रोड कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ के लिए भी जाना जाएगा। एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स न सिर्फ आवागमन आसान बनाएंगे, बल्कि रोजगार, पर्यटन और व्यापार को भी नई दिशा देंगे।