बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह कर दिए जाने की घोषणा के बाद सियासी घमासान तेज हो गया है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री Tejashwi Yadav ने इसे अपनी योजना की “नकल” बताया, जबकि Jan Suraaj अभियान चला रहे Prashant Kishor (PK) ने इसे जनता की ताकत का नतीजा बताया और कहा कि उनकी सरकार आने पर यह पेंशन राशि बढ़ाकर 2000 रुपये कर दी जाएगी।
तेजस्वी यादव बोले- “हमने पहले ही किया था ऐलान”
तेजस्वी यादव ने कहा,
“हमारी सरकार बनती तो पेंशन को 1500 रुपये कर दिया जाता। साथ ही ‘माई बहन योजना’ के तहत महिलाओं को हर महीने 255 रुपये मिलते। लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमारी नीतियों की नकल कर ली है।”
तेजस्वी ने स्पष्ट किया कि ये घोषणाएं RJD के 2020 के चुनावी वादों का हिस्सा थीं, जिन्हें अब NDA सरकार ने चुनावी लाभ के लिए अपनाया है।
प्रशांत किशोर बोले- “जन सुराज का दबाव है ये”
Prashant Kishor ने दावा किया कि बिहार में जन सुराज यात्रा और उनकी मांगों के दबाव में आकर सरकार को पेंशन बढ़ानी पड़ी। उन्होंने कहा:
“नीतीश सरकार ने जनता के दबाव में आकर 400 से 1100 रुपये की बढ़ोतरी की है। हमारी सरकार आने पर इसे छठ पूजा के बाद 2000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा।”
PK ने इसे “जन सुराज की जीत” बताते हुए सरकार को घेरा।
जुलाई से मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन
सरकार के मुताबिक, जुलाई 2025 से राज्य के बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग लाभार्थियों को बढ़ी हुई पेंशन की राशि यानी 1100 रुपये प्रतिमाह मिलने लगेगी।
इस योजना से 1 करोड़ 9 लाख लाभार्थी जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने कहा कि
“10 जुलाई को सभी लाभार्थियों के खाते में पेंशन राशि भेजी जाएगी।”
चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक या मजबूरी?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह घोषणा कहीं न कहीं अक्टूबर-नवंबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए (NDA) सरकार का मास्टरस्ट्रोक है।
लेकिन विपक्ष इसे सरकार की “कॉपी पॉलिटिक्स” और जनदबाव की वजह से लिया गया कदम बता रहा है।