नई दिल्ली: तेहरान से उड़ान भरते ही जैसे ही विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, 310 भारतीय छात्रों के चेहरे पर राहत और तिरंगे के प्रति सम्मान छलक उठा। यह सब संभव हो पाया भारत सरकार के Operation Sindhu की बदौलत, जो तेजी से ईरान के तनावग्रस्त हालातों के बीच भी अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में जुटा है।
इस रेस्क्यू मिशन की कमान विदेश मंत्रालय (MEA) और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने संभाली। दिन की पहली उड़ान में कोई बाधा नहीं आई और विमान ने छात्रों को सकुशल दिल्ली पहुंचाया। छात्रों के आगमन पर स्वास्थ्य और इमिग्रेशन संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया, साथ ही उन्हें आवश्यक सहायता भी दी गई।
भारत-ईरान तालमेल का उदाहरण बना यह मिशन
20 जून को भी मशहद से 290 भारतीय छात्रों को लाया गया था, जिनमें अधिकांश जम्मू-कश्मीर के रहने वाले थे। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट यूनियन ने इस समय पर मदद के लिए भारत सरकार और MEA का विशेष धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि “यह हमारे माता-पिता और परिवार के लिए बहुत बड़ी राहत है।”
विशेष बात यह रही कि ईरान ने भी सहयोग की मिसाल पेश की। 20 जून को उन्होंने भारत के इस विशेष निकासी अभियान के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया, जिससे मिशन की रफ्तार और आसान हो गई। छात्रों को पहले तेहरान से मशहद ले जाया गया, जहां से ईरानी एयरलाइन के माध्यम से विशेष उड़ानों का संचालन किया गया।
सरकार को छात्रों का भावुक धन्यवाद
लौटते ही कई छात्रों की आंखें नम थीं, उन्होंने कहा, “हम सोच भी नहीं सकते थे कि ऐसे हालात में भी भारत सरकार हमें यूं सुरक्षित घर ला पाएगी। हम जीवनभर इस सहायता के ऋणी रहेंगे।”
इस बीच इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच चल रहे हालातों में Operation Sindhu भारत के संकल्प और कुशल कूटनीति का प्रतीक बन गया है।