पटना: बिहार सरकार अब बस यात्रियों के लिए यात्रा को डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य की सभी सरकारी और पीपीपी मोड (PPP Mode) में चलने वाली बसों में अगस्त से पूरी तरह कैशलेस सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके तहत यात्री अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ऑनलाइन टिकट बुक कर सकेंगे।
शनिवार को इस योजना के तहत बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) और केनरा बैंक (Canara Bank) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। इस कार्यक्रम में राज्य की परिवहन मंत्री शीला मंडल (Sheela Mandal), अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह (Mihir Kumar Singh) और बीएसआरटीसी प्रशासक अतुल कुमार वर्मा (Atul Kumar Verma) शामिल होंगे।
बेंगलुरु मॉडल पर आधारित है बिहार का नया ई-टिकट सिस्टम
इस पहल के अंतर्गत केनरा बैंक बिहार की बसों में ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन मशीनें उपलब्ध कराएगा, जिससे नकद लेन-देन खत्म हो जाएगा और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही एक नया ई-टिकटिंग सॉफ्टवेयर लॉन्च किया जाएगा, जिससे यात्री किसी भी कोने से ऑनलाइन टिकट बुक कर पाएंगे।
बेंगलुरु की तरह इस प्रणाली को डिजाइन किया गया है, ताकि सफर को ज्यादा तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके।
यात्रियों को क्या होंगे फायदे?
अधिकारियों के मुताबिक यह डिजिटल व्यवस्था यात्रियों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित होगी —
- नकद लेन-देन की जरूरत खत्म होगी
- भुगतान सुरक्षित और ट्रैक योग्य रहेगा
- बस सेवाओं की निगरानी और राजस्व संग्रह बेहतर होगा
- धोखाधड़ी की संभावना घटेगी
हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल साक्षरता की स्थिति को देखते हुए कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
कैशलेस बिहार की दिशा में बड़ा कदम
यह फैसला बिहार सरकार की ‘डिजिटल बिहार’ अभियान के अंतर्गत लिया गया है। अब देखना यह है कि क्या यह तकनीकी बदलाव आम यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा या फिर नया सिरदर्द?