पटना: बिहार सरकार ने राज्य में तेज़ी से सड़कों, पुलों और एक्सप्रेसवे के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए Hybrid Annuity Model (HAM) अपनाने का फैसला किया है। यह जानकारी सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने हाल ही में बिहार विधानसभा सत्र के दौरान दी।
क्या है HAM मॉडल और क्यों खास है ये बिहार के लिए?
Hybrid Annuity Model (HAM) एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) आधारित मॉडल है, जिसमें परियोजना लागत का 40% निर्माण के चार वर्षों में सरकार देती है, जबकि 60% लागत ठेकेदार वहन करता है। इस शेष राशि का भुगतान सरकार अगले 15 वर्षों में ब्याज के साथ करती है। इस दौरान संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी भी ठेकेदार की होती है, जिसके लिए अतिरिक्त फंड भी सरकार उपलब्ध कराती है।
नितिन नवीन ने कहा,
“यह मॉडल सरकार पर आर्थिक बोझ कम करेगा और कई परियोजनाओं की एक साथ शुरुआत संभव होगी।”
JP Ganga Path का विस्तार: पटना से कोईलवर तक बनेगा नया कॉरिडोर
बिहार सरकार ने इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए गंगा नदी के किनारे 35.65 किलोमीटर लंबे रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट JP Ganga Path का हिस्सा होगा, जो पटना के दीघा से भोजपुर के कोईलवर तक फैला होगा।
- 18 किलोमीटर एलिवेटेड रोड
- 17.65 किलोमीटर ग्राउंड-लेवल रोड
- कुल लागत: लगभग ₹5,500 करोड़
यह चार लेन का कॉरिडोर दानापुर, शाहपुर और आरा के बीच ट्रैफिक दबाव को कम करेगा और गंगा व सोन नदियों के पुलों को जोड़ने में मदद करेगा।
HAM मॉडल से जुड़े भविष्य के प्रोजेक्ट्स और सरकार की रणनीति
राज्य सरकार आने वाले समय में कई और expressway और river-bridge प्रोजेक्ट्स को HAM मॉडल के तहत लागू करने की योजना बना रही है। अधिकारियों के अनुसार, इस मॉडल की सफलता अन्य राज्यों में देखी जा चुकी है और इससे निजी कंपनियों की भागीदारी भी बढ़ेगी।
नितिन नवीन ने कहा,
“यह सड़क राज्य की 2047 की विकास योजनाओं में अहम भूमिका निभाएगी।”