झारखंड की राजधानी रांची के Ratu Road Flyover का उद्घाटन प्रधानमंत्री Narendra Modi करने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर लातेहार जिले के Chandwa क्षेत्र में लोग एक अधूरे वादे को लेकर पानी में खड़े होकर विरोध कर रहे हैं। यहां किसानों और स्थानीय निवासियों ने फ्लाइओवर और फुटब्रिज की मांग को लेकर जल सत्याग्रह शुरू किया है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री को पोस्टर दिखाकर जताया विरोध
चटुआग डैम पर चल रहे इस सत्याग्रह में किसान हाथों में Hemant Soren और Nitin Gadkari के पोस्टर लिए खड़े हैं। आंदोलन का नेतृत्व किसान Ayub Khan कर रहे हैं। सत्याग्रह सोमवार से शुरू हुआ और मंगलवार को भी लगातार जारी रहा।
किसानों की मुख्य मांग है कि Tori-Chandwa Railway Crossing पर जल्द से जल्द फ्लाइओवर और फुटब्रिज का निर्माण कार्य शुरू किया जाए। उनका आरोप है कि 3 अप्रैल 2021 को फ्लाइओवर का शिलान्यास किया गया था और दो साल में पूरा होने की बात कही गई थी, लेकिन आज चार साल बाद भी काम शुरू नहीं हुआ है।
6 से 7 बार निकला टेंडर, फिर भी काम शुरू नहीं
किसानों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए अब तक 6-7 बार टेंडर निकाले जा चुके हैं, लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं हो पाई। जाम की वजह से आम लोग रोज़ाना परेशान होते हैं। रेलवे फाटक लंबे समय तक बंद रहने से Gumla, Lohardaga, Garhwa, Palamu, Hazaribagh और Chhattisgarh की ओर जाने वाले लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है।
किसानों की मांगें: सिर्फ फ्लाइओवर नहीं, रेलवे अंडरब्रिज और मुआवज़ा भी शामिल
प्रदर्शनकारी किसानों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, आंदोलन जारी रहेगा। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- फ्लाइओवर के लिए नया प्राक्कलन स्वीकृति
- भूमि और मकानों का दोबारा मूल्यांकन कर मुआवजे में बढ़ोतरी
- Tori Junction के पास बंद पड़े फुटब्रिज का निर्माण
- Tori Railway Crossing पर अंडरब्रिज
- Tori-Balumath पैसेंजर ट्रेन सेवा शुरू करना
- Bhandargada-Parsahi मार्ग पर अंडरब्रिज निर्माण
राजनीतिक सुस्ती की कीमत चुका रहे ग्रामीण
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह आंदोलन राजनीतिक असंवेदनशीलता के खिलाफ है। एक ओर Ranchi Elevated Corridor का उद्घाटन हो रहा है, दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में सालों से अधूरे प्रोजेक्ट लटके पड़े हैं।
झारखंड में जहां एक तरफ मानसून की दस्तक हो चुकी है, वहीं दूसरी तरफ पानी में खड़े होकर प्रदर्शन करते ये लोग सत्ता से सवाल कर रहे हैं — “हमारे साथ विकास कब पहुंचेगा?”