बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। वजह है RJD सुप्रीमो Lalu Yadav के जन्मदिन के मौके पर Dr. B.R. Ambedkar की तस्वीर को पैरों के पास रखने का वायरल वीडियो। इस मुद्दे पर BJP ने कड़ा ऐतराज जताते हुए पटना में बुधवार को हुई कार्यकारिणी बैठक में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। इस बैठक में रक्षा मंत्री Rajnath Singh, बिहार प्रभारी Vinod Tawde, प्रदेश अध्यक्ष Dilip Jaiswal, डिप्टी सीएम Samrat Choudhary, विजय सिन्हा समेत करीब 1200 नेता मौजूद रहे।
Rajnath Singh ने अपने भाषण में कहा कि ये कोई साधारण भूल नहीं थी, बल्कि देश की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला दृश्य था। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति Babasaheb Ambedkar की तस्वीर को पैरों के पास रखता है, वह दलितों के सम्मान के लायक नहीं है। BJP के पास Ambedkar के मूल्यों के प्रति सच्ची श्रद्धा है, और उनकी नीतियों को धरातल पर उतारा गया है।
BJP ने दिखाया सख्त रुख, कहा- ‘लालू के मन में नहीं है बाबासाहेब के लिए आदर’
प्रदेश अध्यक्ष Dilip Jaiswal ने मीडिया से कहा कि लालू यादव ने जानबूझकर आंबेडकर का अपमान किया। यही कारण है कि पूरे प्रदेश की कार्यकारिणी ने उनके खिलाफ एकमत से निंदा प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने इस मुद्दे को चुनावी एजेंडे पर लाने के संकेत भी दिए।
Samrat Choudhary और Vijay Sinha जैसे बड़े नेताओं ने भी लालू के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सभी ने एक सुर में कहा कि BJP दलित सम्मान और आंबेडकर की विरासत से कोई समझौता नहीं करेगी।
क्या है पूरा मामला? जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद
यह विवाद 11 जून को Lalu Yadav के जन्मदिन से जुड़ा है। एक वायरल वीडियो में वे अपने आवास पर समर्थकों से मिलते नजर आते हैं। स्वास्थ्य कारणों से वे पैर फैलाकर कुर्सी पर बैठे हैं, और एक समर्थक आकर उनके पैरों के पास Dr. Ambedkar की तस्वीर रखकर फोटो खिंचवाता है। दावा है कि लालू को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके पैरों के पास किसकी तस्वीर रखी गई है। मगर BJP ने इसे ‘जानबूझकर किया गया अपमान’ बताया और इस मुद्दे को जमकर उछाला।
BJP का सियासी दांव या सच्चा विरोध? चुनावी माहौल में गरमाई बहस
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे के जरिए BJP ने दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। वहीं RJD समर्थक इस विवाद को “राजनीतिक चाल” बता रहे हैं। आने वाले चुनाव में यह मुद्दा किस तरह असर डालेगा, यह देखने वाली बात होगी।