Dharamshala: 90वें जन्मदिन पर तिब्बती आध्यात्मिक गुरु Dalai Lama ने स्पष्ट किया है कि उनके उत्तराधिकारी की घोषणा केवल Gaden Phodrang Trust करेगा। उन्होंने कहा कि कोई बाहरी हस्तक्षेप इस पवित्र प्रक्रिया में स्वीकार नहीं होगा। इस घोषणा के साथ 600 साल पुरानी परंपरा को जारी रखने का संदेश भी साफ हो गया।
दलाई लामा ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है जब कई वर्षों से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनकी मृत्यु के बाद क्या इस संस्था का अस्तित्व रहेगा या नहीं। धर्मशाला में आयोजित इस समारोह में देश-विदेश से सैकड़ों भिक्षु, तिब्बती शरणार्थी और अनुयायी शामिल हुए। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि Hollywood एक्टर Richard Gere भी इसमें शरीक हुए।
जन्मदिन समारोह में दिखा उत्साह, 7000 से अधिक होंगे शामिल
दलाई लामा के 90वें तिब्बती पंचांगानुसार जन्मदिन को लेकर धर्मशाला में पूरे सप्ताह भव्य आयोजन हो रहे हैं। 6 जुलाई को उनके आधिकारिक जन्मदिन पर समापन समारोह का आयोजन होगा जिसमें 7000 से अधिक अनुयायी, केंद्रीय मंत्री और अंतरराष्ट्रीय गणमान्य लोग हिस्सा लेंगे।
चीन बोला – उत्तराधिकारी तो हमारा होगा!
Dalai Lama के इस बयान से चीन भड़क गया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “दलाई लामा का उत्तराधिकारी चीन के भीतर से ही होगा और उसे चीनी सरकार ही मान्यता देगी।” यह चीन के धार्मिक, ऐतिहासिक और कानूनी ढांचे के अनुसार होगा।
हालांकि दलाई लामा पहले ही कह चुके हैं कि उनका अगला अवतार चीन के बाहर जन्म लेगा, जिससे चीन ने सिरे से इनकार कर दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तिब्बती बौद्ध धर्म के भविष्य को लेकर एक बड़ा टकराव बनने वाला है।
1959 से भारत में निर्वासित हैं दलाई लामा
1950 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद 1959 में Dalai Lama भारत आ गए थे और तब से धर्मशाला में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। चीन उन्हें अलगाववादी कहता है, जबकि दलाई लामा हमेशा “मध्य मार्ग” की वकालत करते आए हैं – यानी चीन के भीतर तिब्बत को सांस्कृतिक और धार्मिक स्वायत्तता मिले।
अब चीन द्वारा अपने “Dalai Lama” को घोषित करने की आशंका गहराने लगी है। लेकिन तिब्बती समुदाय और अंतरराष्ट्रीय समाज शायद इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।