बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी (BJP) को एक बड़ा सियासी फायदा मिला है। अलीनगर से बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है। इसके साथ ही भाजपा के विधायकों की संख्या एक बार फिर 80 हो गई है, जिससे चुनाव से पहले पार्टी का मनोबल बढ़ गया है।
पटना हाईकोर्ट ने 18 जुलाई को दरभंगा के एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें Mishrilal Yadav को दो साल की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने न केवल उनकी सजा को रद्द किया, बल्कि दोषसिद्धी को भी निरस्त कर दिया। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने बुधवार देर रात एक अधिसूचना जारी कर उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया है।
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दरअसल क्या हुआ था?
बिहार विधानसभा क्षेत्र संख्या 81, अलीनगर से निर्वाचित मिश्रीलाल यादव को 27 मई 2025 को एक पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 20 जून को उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। लेकिन उन्होंने पटना हाईकोर्ट में अपील की, और अब कोर्ट ने उन्हें राहत दे दी है।
BJP को मिला संजीवनी
अब जब Mishrilal Yadav की सदस्यता बहाल हो गई है, तो विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या फिर से 80 हो गई है। विधानसभा सचिव ख्याति सिंह ने देर रात इसकी पुष्टि करते हुए एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया है कि यादव को पूर्ववर्ती प्रभाव से विधानसभा सदस्य के रूप में पुनः मान्यता दी गई है।
राजनीतिक असर
यह फैसला न केवल मिश्रीलाल यादव के लिए राहत भरा है, बल्कि चुनाव से पहले BJP के लिए एक बड़ा राजनीतिक संबल भी है। विधानसभा में उनकी वापसी से पार्टी को ताकत और विश्वास दोनों मिलेगा। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि विपक्ष पर इसका मनोवैज्ञानिक दबाव भी बनेगा।