BPSC TRE-4 में डोमिसाइल लागू, TRE-5 का ऐलान! नीतीश सरकार के फैसले से हड़कंप

बिहार सरकार ने TRE-4 में स्थानीय अभ्यर्थियों को बड़ा लाभ देने का फैसला किया है। डोमिसाइल नीति लागू होने से बाहरी उम्मीदवारों को झटका लगा है, वहीं मानदेय बढ़ोतरी से हजारों कर्मियों को राहत मिली है।

Bpsc Tre4 Domicile Rule Tre5 Announced Nitish Govt Latest Update
Bpsc Tre4 Domicile Rule Tre5 Announced Nitish Govt Latest Update (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना: बिहार सरकार ने मंगलवार को BPSC के माध्यम से होने वाली शिक्षक बहाली को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि TRE-4 (Teacher Recruitment Exam-4) से ही बिहार मूल के अभ्यर्थियों को डोमिसाइल का लाभ मिलेगा।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2025 में संशोधन कर इस नीति को लागू किया गया है।

TRE-4 में बिहार के लिए 85% सीटें सुनिश्चित

सरकार के इस फैसले से स्पष्ट है कि TRE-4 के माध्यम से होने वाली शिक्षक बहाली में बिहार के मूल निवासियों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। अब डोमिसाइल आधारित आरक्षण लागू होने के बाद अनुमान है कि 85 फीसदी से अधिक पद बिहारियों के लिए आरक्षित रहेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि TRE-5 की परीक्षा 2026 में आयोजित की जाएगी। लेकिन उससे पहले एसटीईटी (STET) का आयोजन होगा।

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मानदेय में भारी बढ़ोतरी, हज़ारों कर्मियों को राहत

कैबिनेट बैठक में शिक्षक बहाली के अलावा कई अन्य वर्गों के लिए मानदेय बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी गई।

  • रात्रि प्रहरी: ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000
  • शारीरिक शिक्षक/अनुदेशक: ₹8,000 से ₹16,000
  • मध्याह्न भोजन रसोइया: ₹3,000 से ₹3,300
  • आशा कार्यकर्ता: ₹2,000 से ₹3,000
  • ममता कर्मी: प्रति प्रसव ₹300 से ₹600
  • ग्रामीण सफाईकर्मी: नियमित ₹9,000, अंशकालिक ₹5,000

छात्राओं को DBT लाभ के लिए जुलाई तक 75% उपस्थिति जरूरी

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना, छात्रवृत्ति और साइकिल योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2025 तक छात्राओं की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी।

यह नियम सरकारी और अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त विद्यालयों की कक्षा 7वीं से 12वीं तक की छात्राओं पर लागू होगा।

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निष्कर्ष

नीतीश सरकार का यह फैसला न केवल शिक्षक बहाली को बिहार के स्थानीय युवाओं के लिए सुनहरा अवसर बनाता है, बल्कि हजारों मानदेयधारी कर्मचारियों के लिए भी राहत की सांस है। डोमिसाइल नीति से बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को जहां चुनौती मिलेगी, वहीं बिहार के शिक्षित युवाओं को स्थायी रोजगार का रास्ता खुलेगा।

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