गोपाल खेमका मर्डर केस: CCTV से मिली लीड, STF और SIT जांच में जुटी, 20 घंटे बाद भी खाली हाथ पुलिस!

पटना के व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर खड़े किए सवाल, जांच में जुटीं STF और SIT की टीमें, पहचान के बाद भी गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं?

Gopal Khemka Murder Case Stf Investigation Cctv Lead
Gopal Khemka Murder Case Stf Investigation Cctv Lead (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना: राजधानी पटना के चर्चित व्यापारी Gopal Khemka की दिनदहाड़े हुई हत्या ने पूरे बिहार को दहला दिया है। घटना को बीते 20 घंटे हो चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि हत्या में शामिल अपराधियों की पहचान हो चुकी है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

हत्या की यह सनसनीखेज वारदात सीसीटीवी में कैद हो चुकी है। फुटेज के मुताबिक, सिर्फ 6 सेकंड में स्कूटी सवार एक हमलावर ने गोली मारी और मौके से फरार हो गया। खेमका के परिवार वालों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस घटना के डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची।

बेऊर जेल से जुड़ रहे तार, STF और SIT की टीम जुटी जांच में

आईजी जितेंद्र राणा और पटना कमिश्नर के नेतृत्व में Beur Jail में छापेमारी की गई, जहां कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। डीजीपी विनय कुमार के अनुसार, हर एंगल से जांच चल रही है – चाहे वह कारोबारी रंजिश हो या पुरानी दुश्मनी।

पुलिस का कहना है कि खेमका ने छह साल तक एक बॉडीगार्ड रखा था, जिसे कुछ समय पहले खुद हटाया था। इस एंगल पर भी जांच की जा रही है। वहीं पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा और IG लगातार फील्ड में डटे हुए हैं।

विजय सिन्हा का ऐलान – “जरूरत पड़ी तो एनकाउंटर होगा”

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि अपराधियों की पहचान हो चुकी है। अगर वे पाताल में भी छिपे होंगे, तो निकाल लाएंगे। अब केवल गिरफ्तारी नहीं, हिसाब भी होगा – जरूरत पड़ी तो एनकाउंटर भी किया जाएगा।

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि अपराधियों को घर में घुसकर मारा जाएगा। वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसे ‘महाजंगलराज’ बताया और नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में कोई सुरक्षित नहीं है।

CCTV फुटेज बना सबूत, पुलिस पर उठे सवाल

घटना के सीसीटीवी फुटेज ने इस केस की जांच को तेज किया है। एकलौता शूटर, 6 सेकंड की फायरिंग और बेखौफ फरारी – सब कुछ कैमरे में कैद है। मगर इतने पुख्ता सबूतों के बावजूद गिरफ्तारी में देरी ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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