पटना: बिहार विधान सभा का मानसून सत्र इन दिनों राजनीतिक गर्मी से सराबोर है। सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। लेकिन अब जनसुराज पार्टी भी मोर्चा खोलने जा रही है। पार्टी ने ऐलान किया है कि बुधवार को वह विधानसभा का घेराव करेगी। यह प्रदर्शन तीन प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित होगा, जो सरकार की कथनी और करनी के अंतर को उजागर करने का दावा कर रहा है।
सरकार के वादे और ज़मीनी हकीकत में फर्क
Jan Suraaj Party की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। लेकिन जनसुराज का आरोप है कि अधिकांश पात्र परिवारों को अब तक यह राशि नहीं मिली है।
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दलित भूमिहीन परिवारों के साथ वादा खिलाफी
जनसुराज पार्टी ने दूसरा मुद्दा दलित भूमिहीन परिवारों के हक में उठाया है। सरकार ने वादा किया था कि उन्हें 3 डिसमिल जमीन दी जाएगी, लेकिन अधिकांश लाभार्थी आज भी जमीन के इंतजार में हैं। पार्टी का आरोप है कि यह वादा भी सिर्फ चुनावी दिखावा बनकर रह गया है।
भ्रष्टाचार की ‘जड़’ बना भूमि सर्वेक्षण
तीसरा और सबसे गंभीर आरोप भूमि सर्वेक्षण में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर है। पार्टी का कहना है कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में बिचौलिए, अधिकारी और सत्ताधारी नेता मिलकर आम जनता को ठग रहे हैं।
1 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर बनेंगे जनआंदोलन की ताकत
जनसुराज पार्टी ने दावा किया है कि उन्होंने इन तीनों मुद्दों पर राज्यभर से 1 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाए हैं और अब ये दस्तावेज विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार को सौंपे जाएंगे। यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा, लेकिन सरकार को नींद से जगाने के लिए पर्याप्त होगा।