प्रधानमंत्री Narendra Modi ने Dalai Lama को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें प्रेम, करुणा और नैतिकता का प्रतीक बताया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, “दलाई लामा प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के प्रतीक रहे हैं। हम उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।”
चीन के डर के बीच भारत ने दिखाई खुली समर्थन की ताकत
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित सुगलागखांग मंदिर में भारी बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में लोग 14वें Dalai Lama का 90वां जन्मदिन मनाने पहुंचे। समारोह में केंद्रीय मंत्री किरण रीजीजू, राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मंत्री सोनम लामा और Hollywood अभिनेता Richard Gere ने भी भाग लिया।
चीन को तिलमिलाने वाला ‘विश्व मंच’ का संदेश
समारोह के दौरान Richard Gere ने कहा कि “अब दलाई लामा केवल तिब्बत के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हैं।” यह बात सीधे-सीधे चीन के दावे को चुनौती देती है, जो वर्षों से दलाई लामा की भूमिका को सीमित करना चाहता है।
चीन के राजदूत की बौखलाहट – पुनर्जन्म पर बयानबाज़ी
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने एक्स पर बयान देते हुए कहा कि “दलाई लामा के उत्तराधिकारी की पुनर्जन्म परंपरा 700 साल पुरानी है और इसका फैसला दलाई लामा अकेले नहीं कर सकते।” यह बयान चीन की बौखलाहट को दर्शाता है क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों ने दलाई लामा को खुले मंच पर समर्थन दिया।
अमेरिका का परोक्ष वार – धार्मिक स्वतंत्रता पर दोहराया संकल्प
अमेरिकी विदेश मंत्री Marko Rubio ने बिना चीन का नाम लिए तिब्बतियों के मानवाधिकार और धार्मिक आज़ादी के समर्थन में बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका तिब्बती संस्कृति और उनके धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक सन्देश के पीछे कूटनीति का बड़ा संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वक्त में जब चीन तिब्बत को लेकर संवेदनशील बना हुआ है, भारत द्वारा दलाई लामा को खुले तौर पर समर्थन देना और वैश्विक नेताओं का मंच साझा करना एक रणनीतिक संदेश है। यह सीधे तौर पर चीन की आंतरिक राजनीति और क्षेत्रीय प्रभुत्व को चुनौती देता है।