Nimisha Priya की फांसी पर यमन में भले ही रोक लग गई हो, लेकिन तलवार अभी भी लटकी है। यमनी नागरिक Talal Abdo Mahdi की हत्या के मामले में मौत की सजा पा चुकी निमिषा को लेकर महदी के भाई Abdelfattah Mahdi ने दो टूक कह दिया है – ‘हमें सिर्फ क़िसास (प्रतिशोध) चाहिए, माफी का कोई सवाल ही नहीं।’
Abdelfattah Mahdi ने फेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया कि वे शरिया कानून के तहत क़िसास की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने भारत सरकार और अन्य मध्यस्थों के प्रयासों को सिरे से खारिज करते हुए लिखा, “कोई भी स्थगन हमें नहीं रोक सकता। खून की कीमत नहीं होती। इंसाफ जरूरी है, चाहे जितना भी समय लगे।”
क्यों टली फांसी? भारत की कूटनीति का असर या धर्मगुरुओं की मध्यस्थता?
मंगलवार को यमनी अधिकारियों ने केरल के एक मुस्लिम धर्मगुरु की मध्यस्थता के बाद निमिषा की फांसी स्थगित कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला अंतिम समय में लिया गया। इससे पहले यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने निमिषा को 2017 में Talal Abdo Mahdi की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी और 16 जुलाई 2025 को फांसी निर्धारित थी।
CPIM Kerala के राज्य सचिव MV Govindan ने कहा, “फांसी को रोक दिया गया है। यमनी प्रशासन और पीड़ित परिवार से बातचीत जारी है। कई स्तरों पर प्रयास हो रहे हैं।”
‘खून नहीं बिकता’, महदी परिवार का बड़ा बयान
महदी के भाई Abdelfattah Mahdi ने लिखा, “मध्यस्थता और सुलह की कोशिशें पहले भी होती रहीं, पर हमने कभी इन दबावों के आगे घुटने नहीं टेके। हम इंसाफ चाहते हैं। हमारे लिए क़िसास ही एकमात्र रास्ता है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि भले ही तारीख टल गई हो, लेकिन फांसी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। “क़िसास ज़रूर आएगा, बस वक्त की बात है।”
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8 साल से जेल में बंद है निमिषा
केरल की रहने वाली Nimisha Priya पिछले आठ वर्षों से यमन की जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने बिजनेस पार्टनर Talal Abdo Mahdi की हत्या कर दी थी। इस केस को लेकर भारत सरकार, कई सामाजिक संगठनों और धार्मिक नेताओं ने लगातार कोशिशें की हैं कि निमिषा को माफ किया जाए। लेकिन महदी परिवार का रवैया बेहद सख्त है।