उत्तर प्रदेश के Lakhimpur Kheri जिले के धौरहरा वन रेंज अंतर्गत जुगनूपुर गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब एक Leopard (तेंदुआ) ने भट्ठे पर काम कर रहे एक युवक पर हमला कर दिया। युवक मिहीलाल, निवासी गिरधारी पुरवा, ने निडरता से तेंदुए से मुकाबला किया, जबकि स्थानीय ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर फेंककर उसे भगाने में मदद की।
ग्रामीणों की सूझबूझ से बची युवक की जान
तेंदुआ मेड़ईलाल वर्मा के ईंट भट्ठे की चिमनी में छिपा हुआ था, जहां से निकलकर उसने मिहीलाल पर हमला बोल दिया। पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर से हमला कर तेंदुए को केले के खेत की ओर भगाया। इससे मिहीलाल की जान तो बच गई, लेकिन उसे गंभीर चोटें आईं।
वन विभाग की टीम पर भी हुआ हमला
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय वनाधिकारी Nripendra Chaturvedi के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जैसे ही टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल लेकर खेतों की ओर बढ़ी, तेंदुआ ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में वन दरोगा राजेश कुमार दीक्षित, रेंजर नृपेंद्र चतुर्वेदी, पीआरवी आरक्षी राम सजीवन, और ग्रामीण इकबाल खां घायल हो गए।
Tranquilizer से पकड़ में आया घायल तेंदुआ
हमले के बाद मौके पर CO शमशेर बहादुर सिंह और थाना प्रभारी सुरेश कुमार मिश्र भी पुलिस बल के साथ पहुंचे। क्षेत्रीय लोगों ने खेत को घेर लिया। काफी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने तेंदुए को Tranquilizer से बेहोश कर काबू में ले लिया।
अस्पताल में भर्ती, मिहीलाल की हालत गंभीर
घायलों को CHC धौरहरा लाया गया, जहां से मिहीलाल, इकबाल खां और वन दरोगा को Lakhimpur रेफर किया गया। जबकि मामूली रूप से घायल रेंजर और पीआरवी आरक्षी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
रेंजर नृपेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि तेंदुआ अब सुरक्षित पकड़ लिया गया है और सभी घायलों का इलाज जारी है। क्षेत्र में अब शांति है लेकिन वन विभाग अलर्ट पर है।