बिहार में बढ़ते अपराध ने न केवल आम जनता बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं की भी नींद उड़ा दी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार और पुलिस प्रशासन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए पूछा, “बिहारी अब और कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे?”
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बिहार में एक के बाद एक सनसनीखेज हत्याएं हो रही हैं। कुछ ही दिन पहले पटना में गोपल खेमका, एक नामी कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद बालू कारोबारी रमाकांत यादव की हत्या और हाल ही में राजधानी में त्रिशा मार्ट के मालिक विक्रम झा की गोली से मौत ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एनडीए में दरार के संकेत?
चिराग का यह आक्रामक रुख तब सामने आया है जब वे खुद एनडीए का हिस्सा हैं। इससे पहले भी उन्होंने मुजफ्फरपुर की दलित बच्ची से रेप और इलाज में लापरवाही से मौत पर भी नीतीश सरकार को जमकर घेरा था। उन्होंने इसे “पूरे सिस्टम की विफलता” बताया था।
चुनावी मोड में चिराग, बयान के कई मायने
राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और चिराग पासवान खुद बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। उन्होंने आरा, राजगीर और छपरा जैसे शहरों में रैलियां की हैं और लगातार जनता के बीच मौजूद रहकर एक मजबूत नेता की छवि बना रहे हैं। उनके ताजा बयानों को एनडीए के भीतर दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज
चिराग के बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी हमलावर रुख अपनाया है, वहीं एनडीए के अन्य घटक दलों में भी इस मुद्दे को लेकर हलचल है। JDU के एक मंत्री ने चिराग पर गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत तक दे डाली।
क्या चिराग बनेंगे बदलाव की आवाज़?
बिहार की जनता अब यह सवाल पूछ रही है कि क्या चिराग पासवान केवल सवाल पूछेंगे या फिर कोई समाधान भी सुझाएंगे? चुनावी गर्मी के बीच चिराग के बयान ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।