शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया ने भले ही Edgbaston Test में इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर शानदार जीत दर्ज की हो, लेकिन नंबर-3 बल्लेबाज Karun Nair को लेकर सवाल खत्म नहीं हुए हैं। आठ साल बाद टेस्ट टीम में लौटे नायर अब तक बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में Gautam Gambhir को सुझाव दिया गया है कि लॉर्ड्स टेस्ट में Sai Sudharsan को नंबर-3 पर आजमाया जाए।
साई सुधर्शन ने सीरीज के पहले मुकाबले में खेला था, जहां उन्होंने 0 और 30 रनों की पारियां खेलीं। इसके बाद उन्हें अगले टेस्ट से बाहर कर दिया गया और करुण नायर को नंबर-3 पर मौका मिला। जबकि Headingley Test में नायर नंबर-6 पर खेले थे, लेकिन साई के बाहर होते ही उन्हें टॉप ऑर्डर में शामिल कर लिया गया।
करुण नायर का प्रदर्शन: आंकड़े बनाम उम्मीदें
33 वर्षीय नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ अब तक 4 पारियों में 0, 20, 31 और 26 रनों की पारियां खेली हैं। ये आंकड़े इस लेवल पर संतोषजनक नहीं माने जा सकते। इस पर Sanjay Manjrekar ने ESPNCricinfo पर अपनी राय दी और कहा कि साई सुधर्शन को सिर्फ एक टेस्ट के बाद बाहर करना सही नहीं था।
“टीम वाइब के हिसाब से बदलती है टीम इंडिया” – मांजरेकर
मांजरेकर ने कहा, “पिछले मैच में कुछ अजीबो-गरीब चयन फैसले लिए गए, जिनसे मैं सहमत नहीं था। लेकिन जीत के बाद ये सब दब जाते हैं। मुझे लगता है कि साई सुधर्शन को एक मैच के बाद बाहर करना अनुचित था। वह एक युवा खिलाड़ी हैं जिनमें भविष्य छिपा है।”
उन्होंने आगे कहा, “टीम मैनेजमेंट अब ‘वाइब’ के आधार पर खिलाड़ी चुनने में हिचकिचाता नहीं है।”
“साई सुधर्शन को दो मौका, करुण नायर नंबर-3 नहीं”
पूर्व बल्लेबाज ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उनके अनुसार करुण नायर नंबर-3 के लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मेरी नजर में करुण नंबर-3 के खिलाड़ी नहीं हैं। ऐसे में साई सुधर्शन को मौका मिलना चाहिए। उन्हें एक टेस्ट के बाद बाहर करना सही नहीं है, खासकर जब बाकी खिलाड़ी बड़ी पारियां खेल रहे हैं।”
गिल का शानदार फॉर्म, लेकिन अकेले काफी नहीं
Shubman Gill ने Anderson-Tendulkar Trophy में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने पहले टेस्ट में 147, और फिर Edgbaston में 269 और 161 रन बनाए। मांजरेकर का कहना है कि अगर गिल ने इतने रन न बनाए होते, तो जीत मुश्किल हो सकती थी।
उन्होंने कहा, “गिल ने टीम की कई कमियों को ढक दिया, लेकिन अगर अगली बार गिल इतने रन न बनाएं, तो बाकी बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी। इंग्लैंड की गेंदबाजी भी लॉर्ड्स में ज्यादा आक्रामक हो सकती है।”