राज्यसभा में विपक्ष के नेता और RJD (Rashtriya Janata Dal) नेता Tejashwi Yadav द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाने की घोषणा ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनकी रणनीति और दबाव के चलते नीतीश कुमार की सरकार को आखिरकार कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।
विपक्ष के दबाव में झुकी सरकार – तेजस्वी का दावा
तेजस्वी यादव ने कहा कि NDA सरकार हमारी योजनाओं की नकल करने पर मजबूर है। पहले रोजगार और अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसे मुद्दों पर नीतीश सरकार को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने अपनी योजना के तहत पेंशन ₹1500 प्रति माह करने और उसे महंगाई के अनुसार समय-समय पर बढ़ाने की बात कही थी, जबकि सरकार ने ₹1100 तक की ही घोषणा की।
बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाओं के लिए ‘दबाव की जीत’
तेजस्वी का आरोप है कि मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने बीते 20 वर्षों में कभी पेंशन बढ़ाने की गंभीर कोशिश नहीं की। लेकिन इस बार उनके प्रचार-प्रसार और स्पष्ट वादों के चलते सरकार पर इतना दबाव बना कि उसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ानी ही पड़ी।
सम्राट चौधरी का पलटवार – “सिर्फ चुनावी नौटंकी”
वहीं भाजपा नेता Samrat Choudhary ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और NDA सरकार की नीति पूरी तरह से चुनावों के इर्द-गिर्द घूमती है। सम्राट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष की लोकप्रियता से घबराकर ही सत्ता पक्ष तेजस्वी यादव की बातों और योजनाओं की नकल कर रहा है।
“नकल की राजनीति से जनता ऊब चुकी है” – तेजस्वी का तंज
तेजस्वी यादव ने कहा कि अब नीतीश कुमार में कुछ ओरिजिनल करने की ताकत नहीं बची है। वे केवल विपक्ष की योजनाओं को कॉपी कर रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे “असल और नकल” में फर्क समझें और अगली बार सही निर्णय लें।