पटना: बिहार में जैसे-जैसे Assembly Election 2025 नजदीक आ रहा है, राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी दलों की निगाहें अब राज्य के सबसे प्रभावशाली वोट बैंक—युवाओं—पर टिकी हैं। इसी कड़ी में विपक्ष के नेता Tejashwi Yadav ने गुरुवार को ऐलान किया कि वे Student Parliament (छात्र युवा संसद) में शामिल होंगे, जो पटना के बापू सभागार में आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव छात्रों से आमने-सामने संवाद करेंगे और उनके सवालों का जवाब देंगे। उन्होंने वादा किया है कि उनकी पार्टी युवाओं के मुद्दों को सबसे बड़ी प्राथमिकता देगी और उनके साथ मिलकर बिहार के भविष्य की रूपरेखा तय की जाएगी।
भाजपा-नीतीश सरकार पर बड़ा हमला
छात्र संसद में शामिल होने की घोषणा के साथ ही तेजस्वी ने अपने Official X (Twitter) हैंडल से एक लंबी पोस्ट शेयर कर सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा,
“बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। अगर यह प्रदेश 21वीं सदी में आगे बढ़ सकता है, तो वह सिर्फ और सिर्फ युवाओं के दम पर ही संभव है। लेकिन राज्य की शिक्षा व्यवस्था, रोजगार की कमी और निवेश का अभाव इसे पीछे खींच रहा है।”
शिक्षा व्यवस्था और भर्ती घोटालों पर उठाए सवाल
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट आरोप लगाए कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था बर्बादी की कगार पर है। स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है, शिक्षा की गुणवत्ता गिरी है और छात्रों का Dropout Rate खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है।
लगातार हो रहे Paper Leaks, recruitment scams, और लंबित शैक्षणिक सत्रों ने छात्रों का विश्वास हिला दिया है।
छात्रों की आवाज़ को कुचल रही है सरकार?
तेजस्वी ने आगे कहा कि जब छात्र अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठाते हैं, तो उन्हें पुलिसिया अत्याचार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी सरकार में कोई युवा कैसे सुरक्षित और आश्वस्त महसूस करेगा?
चुनावी रणनीति का हिस्सा है यह अभियान
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो तेजस्वी यादव का यह ‘छात्र संसद’ में भाग लेना सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि Mahagathbandhan की चुनावी रणनीति की बुनियाद है। यह साफ संकेत है कि महागठबंधन अब Youth-Centric Politics के जरिए सत्ता परिवर्तन की राह तलाश रहा है।
तेजस्वी की यह पहल बताती है कि वह राज्य के युवाओं को न केवल वोटर के रूप में बल्कि बदलाव के वाहक के रूप में देख रहे हैं।