बिहार सरकार ने जेल में बंद उन गरीब कैदियों के लिए बड़ा कदम उठाया है जो सिर्फ इसलिए रिहा नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि उनके पास जमानत या जुर्माने की रकम भरने के लिए पैसे नहीं हैं। राज्य सरकार ऐसे विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों की मदद के लिए उनके जमानत की राशि खुद वहन करेगी।
गृह विभाग ने इस योजना के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है और सभी जिलों के DM और SP को इसके पालन के निर्देश दिए हैं। इसका मकसद गरीब कैदियों को न्याय दिलाना और अनावश्यक रूप से जेल में लंबी अवधि तक रखने से रोकना है।
जेल अधीक्षक देंगे जानकारी, 10 दिनों में होगी जांच
नई गाइडलाइन के मुताबिक यदि किसी कैदी को न्यायालय से जमानत मिल चुकी हो लेकिन वह सात दिनों के भीतर भी रिहा न हो सके, तो जेल अधीक्षक उस कैदी की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) को देंगे। इसके बाद DLSA के सचिव यह जांच करेंगे कि क्या संबंधित कैदी को आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। जांच के लिए प्रोबेशन अधिकारी या सिविल सोसाइटी के सदस्य मदद कर सकते हैं और यह प्रक्रिया 10 दिनों में पूरी करनी होगी।
समिति करेगी अंतिम फैसला, अधिकतम 40 हजार तक की मदद
जांच रिपोर्ट मिलने के दो से तीन सप्ताह के भीतर DLSA सचिव मामला जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखेंगे। इस समिति में जिला पदाधिकारी (DM), पुलिस अधीक्षक (SP), जेल अधीक्षक, DLSA सचिव, और जिला जज द्वारा नामित न्यायाधीश होंगे। समिति विचार करेगी कि संबंधित कैदी को जमानत की राशि दी जानी है या नहीं।
विचाराधीन कैदियों को अधिकतम ₹40,000 तक की सहायता दी जा सकती है, जबकि दोषी करार दिए गए कैदियों के लिए यह राशि ₹25,000 निर्धारित की गई है। यदि राशि इससे अधिक हुई तो मामला राज्यस्तरीय निगरानी समिति को भेजा जाएगा।
भ्रष्टाचार, NDPS और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में नहीं मिलेगी मदद
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन कैदियों पर भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, NDPS एक्ट या अन्य असामाजिक कार्यों से जुड़े आरोप हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसका उद्देश्य केवल जरूरतमंद और निर्दोष कैदियों को राहत देना है।
राज्यस्तरीय समिति करेगी निगरानी
राज्य स्तर पर इस योजना की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव करेंगे। समिति में विधि विभाग के सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, जेल आईजी, और पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सदस्य बनाया गया है।