बिहार की राजधानी पटना के एक नेत्रहीन बालिका विद्यालय में मानवता को शर्मसार करने वाला अत्यंत ही घिनौना मामला प्रकाश में आया है। विद्यालय में एक 12 वर्षीय मासूम बच्ची से पिछले दो वर्षों से दुष्कर्म हो रहा था। आरोप स्कूल के ही क्लर्क अजीत कुमार पर लगा। तीन दिन पूर्व बच्ची के मां-बाप को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने अगमकुआं थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपित अजीत को गिरफ्तार कर लिया।
बच्ची के परिजनों का दावा है कि मामले की तह तक जांच हो तो और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। पीड़ित बच्ची स्कूल के छात्रावास में रहकर वर्ष 2018 से पढ़ाई कर रही है। 17 मई को गर्मी की छुट्टी हुई थी। इसके बाद 25 जून को जब स्कूल खुला तो अभिभावक उसे भेजने लगे। लेकिन, बच्ची ने इनकार कर दिया। वह डरी-सहमी थी। तब मासूम की बहन ने अभिभावकों को बताया कि अजीत सर उसके साथ गलत हरकत करते हैं। बाद में मासूम ने भी बताया कि पिछले दो वर्षों से अजीत उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है।
पीड़िता ने आवाज से पहचाना
जिस मासूम के साथ साथ यह घटना हुई है उसकी आंख की रोशनी महज 10% ही है। वह किसी को साफ-साफ देख भी नहीं सकती। आवाज से ही बच्ची ने आरोपित को भी पहचाना। पटना के नेत्रहीन बालिका विद्यालय में तैनात जिस क्लर्क अजित कुमार पर दुष्कर्म का आरोप लगा है वह बच्चियों को पेपर बांटने का काम भी करता था। इसी दौरान मासूम से उसकी मुलाकात हुई थी। तभी से उसकी गंदी नजर उसपर पड़ गई।
पीड़िता ने अपने मां-बाप को बताया कि अजीत उसके साथ गलत हरकत करने के बाद मारपीट करने और स्कूल से निकलवा देने की धमकी देता था। वह कहता था कि अगर उसने किसी को भी इस बारे में बताया तो बहुत पिटाई करेगा। डर के कारण उसने अब तक किसी को कुछ नहीं बताया था।
जब पुलिस और बच्ची के अभिभावक स्कूल पहुंचे तो वहां मौजूद अन्य छात्राओं ने कहा कि अजीत सर जेल जाएंगे ना? इससे लगता है कि बाकी बच्चियां भी अजीत से डरी सहमी थी।