बिहार जल्द ही न्यूक्लियर एनर्जी के युग में कदम रखने वाला है। Chief Minister Nitish Kumar की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने Banka जिले में पहला परमाणु बिजली घर (Nuclear Power Plant) बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। लंबे समय से लंबित 4000 मेगावाट Ultra Mega Power Project के बाद अब यहां न्यूक्लियर एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है।
बिजली कंपनी ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को सौंपा है और जल्द ही केंद्र की तकनीकी टीम बांका जाकर प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करेगी। अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा, तो बिहार जल्द ही देश के न्यूक्लियर मैप पर जगह बना लेगा।
SMR तकनीक से तैयार होगा छोटा लेकिन ताकतवर न्यूक्लियर पावर प्लांट
पिछले हफ्ते Patna में हुए पूर्वी भारत के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में Union Power Minister Manohar Lal Khattar ने छह शहरों में Small Modular Reactors (SMR) तकनीक से न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की घोषणा की थी। इस दौरान बिहार के Energy Minister Bijendra Prasad Yadav ने राज्य में परमाणु बिजली घर की मांग रखी थी, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया।
Banka को क्यों चुना गया न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए?
राज्य सरकार पहले Rajouli, Nawada में यह प्रोजेक्ट स्थापित करना चाहती थी, लेकिन सालभर पानी की उपलब्धता वहां एक बड़ी समस्या बनी रही। जबकि बांका जिले में Ganga River के पानी की उपलब्धता सालभर बनी रहती है, जो न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए अनिवार्य है। यही कारण है कि बिजली कंपनी ने बांका को प्राथमिकता दी है।
500 मेगावाट उत्पादन की तैयारी, केंद्र से मिला है 200 मेगावाट का आश्वासन
हालांकि केंद्र सरकार ने शुरूआत में 200 मेगावाट क्षमता वाले न्यूक्लियर पावर प्लांट का आश्वासन दिया है, लेकिन बिजली कंपनी ने 500 मेगावाट क्षमता वाले पावर हाउस की मांग की है। इसके लिए जरूरी भूमि और संसाधन राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे।
कैसे काम करता है न्यूक्लियर पावर प्लांट?
न्यूक्लियर पावर प्लांट में Uranium या अन्य रेडियोधर्मी तत्वों की मदद से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। इसमें मुख्य रूप से न्यूक्लियर रिएक्टर, कूलिंग सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम, रेडिएशन प्रोटेक्शन, मॉनिटरिंग और सेफ्टी सिस्टम की व्यवस्था रहती है, जिससे सुरक्षित और स्थिर तरीके से बिजली का उत्पादन संभव होता है।