गुरुग्राम: Radhika Yadav मर्डर केस ने एक बार फिर समाज के उस कड़वे सच से पर्दा उठाया है, जहां बेटियों की तरक्की बर्दाश्त नहीं होती। 25 वर्षीय राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उसके ही पिता दीपक यादव ने गुरुवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी। अब पुलिस जांच में यह सामने आया है कि इस क्रूर हत्याकांड की जड़ में सिर्फ टेनिस अकेडमी का विरोध नहीं, बल्कि एक Music Video भी शामिल है।
टेनिस अकेडमी से शुरू हुआ टकराव
Radhika Yadav पिछले सालों से सेक्टर 57 में खुद की टेनिस अकेडमी चला रही थीं। वह स्टेट और नेशनल लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं। लेकिन उनके पिता Deepak Yadav, जो पहले एक बैंक कर्मचारी थे, इस फैसले से खुश नहीं थे। समाज की बातें, लोगों के ताने, और अपनी बेटी की बढ़ती पॉपुलैरिटी से वे असहज हो गए थे। कई बार उन्होंने राधिका से अकेडमी बंद करने की मांग की, जिसे राधिका ने सिरे से खारिज कर दिया।
म्यूजिक वीडियो बना तकरार की वजह
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या के पीछे एक म्यूजिक वीडियो भी अहम कारण बना। यह वीडियो एक इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट INAAM के गाने “Karwan” पर आधारित था, जिसे Zeeshan Ahmed ने प्रोड्यूस किया और LLF Records के तहत रिलीज़ किया गया था। वीडियो में Radhika Yadav की उपस्थिति, खासकर कुछ बोल्ड सीन्स, उनके पिता को बेहद नागवार गुज़रे। उन्होंने राधिका से इंस्टाग्राम से वीडियो हटाने को कहा, लेकिन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने की ख्वाहिश रखती राधिका ने ऐसा नहीं किया। यह इनकार पिता की नाराजगी को गुस्से में बदल गया।
हत्या की सुबह: कैसे घटी दर्दनाक घटना
गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, Sector 57, Sushant Lok-2 स्थित दो मंजिला घर में राधिका रसोई में खाना बना रही थीं। तभी उनके पिता Deepak ने अपनी .32 बोर लाइसेंसी रिवॉल्वर से पांच गोलियां दाग दीं, जिनमें से तीन राधिका की पीठ में लगीं। वह वहीं ढेर हो गईं। चाचा Kuldeep Yadav और रिश्तेदार Piyush उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पिता ने पुलिस के सामने किया गुनाह कबूल
हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने Deepak Yadav को गिरफ्तार कर लिया और हथियार भी बरामद कर लिया गया। पूछताछ में दीपक ने स्वीकार किया कि उन्होंने बेटी को गोली मारी। उनका कहना था कि समाज के तानों और राधिका के फैसलों ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था। उन्होंने कहा, “मैंने बेटी से अकेडमी बंद करने और वीडियो हटाने को कहा, लेकिन उसने कभी मेरी बात नहीं मानी। मुझे यही सब अपमानजनक लगा।”
परिवार में मातम, देश में सदमा
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक राष्ट्रीय खिलाड़ी, जो भविष्य की स्टार मानी जा रही थी, उसे अपने ही पिता ने मौत के घाट उतार दिया। सवाल उठ रहे हैं—क्या यह केवल ‘मान-सम्मान’ की बात थी या पुरुषवादी सोच का चरम रूप?