बिहार में इन दिनों साइबर अपराध की घटनाएं जिस रफ्तार से बढ़ रही हैं, उसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अब सवाल यह है कि क्या सरकारी वेबसाइटें भी साइबर हमलों के निशाने पर हैं? इसी खतरे को भांपते हुए बिहार सरकार ने अब एक बड़ा कदम उठाया है।
राज्य सरकार ने सभी सरकारी वेबसाइटों और ऑनलाइन सेवाओं की साइबर ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए Economic Offences Unit (EOU) को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। यह यूनिट अब राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों, प्रतिष्ठानों और योजनाओं की ऑनलाइन सुरक्षा की समीक्षा करेगी।
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हर साइट की होगी गहराई से जांच
ईओयू के एडीजी Nayyar Hasnain Khan ने जानकारी दी कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि सरकारी वेबसाइटें और उनकी ऑनलाइन सेवाएं साइबर सुरक्षा मानकों पर कितनी खरी उतरती हैं। यदि कहीं कोई खामी या लूपहोल मिलेगा, तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा।
इस प्रक्रिया में C-DAC और I4C जैसी तकनीकी संस्थाएं भी सहयोग करेंगी। साइबर ऑडिट के लिए एक रणनीति तैयार की जा रही है, जिसमें सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल की बारीकी से समीक्षा होगी – जैसे डेटा प्रोटेक्शन, पासवर्ड हाईजीन, नेटवर्क एन्क्रिप्शन आदि।
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AIIMS से लेकर Smart City तक हो चुके हैं साइबर अटैक
हाल के समय में बिहार के कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों को साइबर हमलों का सामना करना पड़ा है। AIIMS Patna की वेबसाइट पर साइबर अटैक के बाद पूरी व्यवस्था ठप हो गई थी। इसके अलावा Smart City, Dial 112, और Jal Vitaran जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं की वेबसाइटें भी हैकिंग का शिकार हुई हैं। इन घटनाओं ने सरकार को अलर्ट कर दिया है।
बड़े साइबर गिरोहों का हो रहा पर्दाफाश
ईओयू की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि राज्य में सक्रिय साइबर अपराध गिरोहों का नेटवर्क बेहद मजबूत होता जा रहा है। इन गैंग्स की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। कुछ मामलों में अंतरराष्ट्रीय लिंक भी पाए गए हैं।
अब जब हर सरकारी साइट की जांच होगी, तो संभव है कि कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आएं। सरकार की यह पहल एक बड़ा साइबर सुरक्षा कवच बन सकती है।