रांची: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (Maiyaa Samman Yojana) में घाटशिला, जिला पूर्वी सिंहभूम, झारखंड में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि इस सरकारी योजना का लाभ झारखंड की निवासी महिलाओं ने नहीं, बल्कि बिहार और पश्चिम बंगाल की महिलाओं ने लिया। प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 172 मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज कर दी है।
फर्जी लाभार्थियों की सूची में बाहरी नाम
हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव की योजना सूची में शामिल महिलाओं में कोई भी स्थानीय नहीं है। जांच में पता चला कि इनमें से 40 महिलाएं बिहार के किशनगंज और 132 महिलाएं पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले की रहने वाली हैं। इन सभी ने फर्जी दस्तावेज और राशन कार्ड का इस्तेमाल कर योजना की पहली किस्त प्राप्त कर ली थी।
जांच में खुला बड़ा राज
9 मई को इस घोटाले की जानकारी प्रशासन को मिली। तत्पश्चात उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी यूनिका शर्मा को निर्देश दिया कि वे पंचायत सचिव से प्राथमिकी दर्ज कराएं। जांच में यह भी पाया गया कि एक ही राशन कार्ड नंबर पर कई महिलाओं के नाम दर्ज हैं, जो फर्जीवाड़े की बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है।
सचिव पर कार्रवाई, मामले ने पकड़ा राजनीतिक रंग
हेंदलजुड़ी पंचायत सचिव मंगल टुडू के बयान पर गालूडीह थाना में 172 महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके अलावा तत्कालीन पंचायत सचिव पुष्पा कुमारी पोद्दार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में प्रशासनिक लापरवाही भी उजागर हुई है, जिसे लेकर अब सियासी घमासान भी शुरू हो गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जांच की मांग
भाजपा (BJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) दोनों ने ही इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। प्रशासन ने भी अब इस घोटाले से जुड़े अन्य लोगों की पहचान के लिए जांच की रफ्तार बढ़ा दी है।