इजरायल और ईरान के बीच युद्ध अब और भी गंभीर होता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में इजरायली सेना ने शनिवार रात ईरान के Isfahan Nuclear Facility को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमला किया। इस हमले में ईरान के सुप्रीम लीडर Ali Khamenei के तीन वरिष्ठ सैन्य कमांडर मारे गए हैं। इसके साथ ही एक शीर्ष न्यूक्लियर साइंटिस्ट की भी मौत हो गई है।
परमाणु ठिकानों पर सीधा वार: दूसरी बार इसफहान बना निशाना
इसफहान प्रांत के डिप्टी गवर्नर फॉर सिक्योरिटी अफेयर्स Akbar Salehi ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इजरायली मिसाइलों से रिसर्च फैसिलिटी को नुकसान पहुंचा है। यह हमला बीते 10 दिनों में दूसरी बार हुआ है, जिससे यह साफ है कि इजरायल ईरान की परमाणु क्षमताओं को जड़ से खत्म करने के मिशन पर है।
ईरान की चेतावनी – अमेरिका शामिल हुआ तो युद्ध वैश्विक होगा
ईरान के विदेश मंत्री Abbas Araghchi ने मीडिया को बताया कि अगर अमेरिका इस युद्ध में कूदता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने चेताया कि यह जंग सिर्फ ईरान और इजरायल तक सीमित नहीं रहेगी।
इधर, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए उत्तरी इजरायल में एक दोमंजिला इमारत पर ड्रोन से हमला किया, जिसमें इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
400 से ज्यादा मौतें, 3000 से अधिक घायल: ईरानी मंत्रालय का दावा
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अब तक इजरायली हमलों में 400 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,000 से ज्यादा घायल हैं। वहीं, Houthi Rebels ने चेताया है कि अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, तो Red Sea में अमेरिकी जहाजों पर हमले फिर से शुरू होंगे।
क्या यह युद्ध थमेगा?
13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर पहला हमला हुआ था, जिसके बाद से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह युद्ध जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं।