तेहरान/वॉशिंगटन: ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव के बीच अब अमेरिका खुलकर युद्ध में कूद पड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के आदेश पर अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—Fordow, Natanz और Isfahan—पर भीषण बमबारी की है। इस हमले में अमेरिका ने अपने खतरनाक B-2 Stealth Bombers और GBU-57 A/B Massive Ordnance Penetrator (MOP) का इस्तेमाल किया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान में कहा, “हमने Fordow न्यूक्लियर साइट को बड़ी क्षति पहुंचाई है। इससे वैश्विक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।”
क्या है GBU-57 MOP बम? जानिए इसकी ताकत
GBU-57 A/B MOP को ‘महाबम’ कहा जाता है। यह जमीन के भीतर स्थित बंकरों को तबाह करने में सक्षम है। इसकी लंबाई 20.5 फीट होती है और वजन करीब 13,600 किलोग्राम (30,000 पाउंड) होता है। इसके अंदर 5,300 पाउंड विस्फोटक होता है, जो इसे BLU-109 जैसे बमों की तुलना में 10 गुना अधिक खतरनाक बनाता है।
यह क्यों खास है?
- यह जमीन के 200 फीट नीचे तक जाकर विस्फोट कर सकता है।
- विशेष स्टील शील्डिंग से सुरक्षित, जिससे विस्फोटक गहराई तक असर करता है।
- इसका निशाना चूकता नहीं—मिलिट्री GPS से लैस होता है।
फोर्दो: ईरान की सबसे सुरक्षित परमाणु साइट भी ध्वस्त?
फोर्दो न्यूक्लियर साइट दुनिया के सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकानों में गिनी जाती है। यह जमीन से आधे मील नीचे पहाड़ी चट्टानों के भीतर स्थित है। इस ठिकाने के बारे में सबसे पहले 2009 में जानकारी सामने आई थी।
हाल ही में सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों में यहां पांच सुरंगों, एक बड़ा सहायक ढांचा और विस्तृत सुरक्षा घेरे को देखा गया। यह ईरान के पवित्र शहर Qom के पास स्थित है।
ट्रंप बोले: “कूटनीति असफल रही, अब एक्शन जरूरी था”
ट्रंप ने इस हमले को अमेरिका की मजबूरी बताया। उनके अनुसार, बीते दो महीनों में ईरान के साथ की गई बातचीत असफल रही, जिससे परमाणु कार्यक्रम को रोकने का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अंततः, यह सैन्य कार्रवाई जरूरी हो गई थी।
IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) ने हाल ही में रिपोर्ट में बताया था कि ईरान Fordow में उच्च स्तर का समृद्ध यूरेनियम बना रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता और बढ़ गई थी।
इजराइल ने जताई खुशी, पूर्व डिफेंस मिनिस्टर ने कहा—”सुरक्षित हुई दुनिया”
इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री Yoav Gallant ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया और कहा,
“अब दुनिया पहले से ज्यादा सुरक्षित है। अमेरिका का फैसला निर्णायक है।”
निष्कर्ष: क्या यह विश्व युद्ध की ओर इशारा है?
ईरान-इजराइल संघर्ष में अमेरिका की यह एंट्री अब जियोपॉलिटिक्स को नया मोड़ देने वाली साबित हो सकती है। जहां एक तरफ सुरक्षा विशेषज्ञ अमेरिका की इस कार्रवाई को आतंक के खिलाफ सख्त संदेश मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ विश्लेषक इसे World War III जैसी स्थिति की आहट भी मान रहे हैं।