बिहार में बाढ़ पूर्व तैयारी की सच्चाई उस वक्त सामने आ गई, जब झारखंड की ओर हो रही हल्की बारिश ने ही नालंदा और जहानाबाद जिलों के तटबंधों की पोल खोल दी। जल संसाधन विभाग के बड़े-बड़े दावों के बावजूद मामूली बारिश में ही कई स्थानों पर बांध टूट गए। अब स्थिति संभालने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू किया गया है और लापरवाही बरतने वाले सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
मंत्री विजय चौधरी ने स्वीकार की चूक, कार्रवाई के आदेश
जल संसाधन मंत्री Vijay Kumar Chaudhary ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि नालंदा और जहानाबाद जिलों में निरंजना (Falgu), मुहाने, उत्तर कोयल, सकरी और पंचाने नदियों का जलस्तर अचानक बहुत बढ़ गया। इस वजह से छह स्थानों पर तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए।
मंत्री ने बताया कि 19 जून की रात को Uderasthan Barrage से 73,067 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो पिछले साल की तुलना में 4439 क्यूसेक अधिक था। इसके कारण Bandhuganj Kazwe स्टेशन पर 62.15 मीटर का नया उच्चतम जलस्तर रिकॉर्ड किया गया।
एकंगरसराय में जमींदारी बांध टूटा, अन्य स्थानों पर भी नुकसान
झारखंड से आई तेज जलधारा के कारण 19 जून की रात करीब 1 बजे Ekangarsarai Block (Nalanda) के Keshopur Village में लोकाईन नदी पर बना जमींदारी बांध टूट गया। साथ ही नालंदा, जहानाबाद और पटना जिलों में भी भूतही, धोवा और महात्माइन नदियों पर बने तटबंधों को नुकसान पहुंचा है।
7 इंजीनियर सस्पेंड, जांच शुरू
जल संसाधन मंत्री ने स्वीकार किया कि एकंगरसराय के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के Executive Engineer और प्रभारी Junior Engineers ने सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी की थी। विभागीय दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन करते हुए तटबंधों की निगरानी नहीं की गई।
इसी लापरवाही के चलते कार्यपालक अभियंता और 6 अन्य जूनियर इंजीनियरों को तत्काल सस्पेंड किया गया है। विभाग ने जांच शुरू कर दी है और अन्य सीनियर अधिकारियों की भूमिका भी परखी जा रही है।
मौके पर भेजे गए विशेष दल, युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य जारी
पटना से अतिरिक्त अभियंता और संवेदक मौके पर भेजे गए हैं, जो टूटे तटबंधों की मरम्मत कार्य को तेज गति से पूरा करने में जुटे हैं। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव Santosh Kumar Mall और अभियंता प्रमुख Sharad Kumar ने भी मौके का दौरा किया।