गया: बिहार में मानसून की पहली ही बारिश ने सरकारी निर्माण कार्यों की पोल खोल दी है। Gayaji (गयाजी) मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर, कोठवारा और बैरिया गांव के बीच Nilanjana River (नीलांजना नदी) पर बना 13 करोड़ की लागत वाला पुल महज तीन साल में ही दरकने लगा है।
यह पुल NABARD योजना के तहत बना था, जिसका निर्माण Tirupati Balaji Company ने किया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस पुल का अब तक उद्घाटन भी नहीं हुआ और अब उस पर चलना भी खतरे से खाली नहीं।
तेज बारिश से बिगड़ी हालात, एक पाया धंसा
बीते दो दिनों से बिहार और झारखंड में हो रही लगातार बारिश के कारण नीलांजना नदी में जलस्तर और धारा का बहाव दोनों ही तेज हो गया है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो पुल का एक पाया नीचे धंस गया है, जिसके कारण उसमें दरारें आ गई हैं।
भारी वाहनों पर रोक, प्रशासन ने लगाया चेतावनी बोर्ड
हालात को देखते हुए गया जिला प्रशासन ने इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। पुल के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग कर चेतावनी बोर्ड लगाया गया है, जिसमें लिखा गया है –
“सावधान! यह पुल आवागमन के लिए सुरक्षित नहीं है। कृपया वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करें।”
स्थानीय लोग बोले – इंजीनियर और ठेकेदार की लापरवाही
स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर भारी रोष है। उनका कहना है कि निर्माण में गंभीर गड़बड़ियां की गई हैं। लोगों ने मांग की है कि पुल निर्माण में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार और इंजीनियर पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह जनता की जान से खिलवाड़ है।
बिना उद्घाटन के पुल का इस तरह से दरकना न केवल भ्रष्टाचार का उदाहरण है, बल्कि सिस्टम की लापरवाही का भी खुला प्रमाण है।