पटना/रांची: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI (Central Bureau of Investigation) ने शनिवार को बिहार और झारखंड में एक बेहद बड़े GST Refund Scam का पर्दाफाश किया है।
करीब 100 करोड़ रुपये के इस फर्जीवाड़े में फर्जी निर्यात दस्तावेजों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का क्लेम कर रिफंड लिया गया। छापेमारी के दौरान सात सोने की छड़ें भी बरामद हुई हैं, जिनका वजन करीब 700 ग्राम बताया जा रहा है।
कहां-कहां हुई CBI की छापेमारी?
CBI ने इस घोटाले के सिलसिले में बिहार और झारखंड के 7 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। जिन जगहों पर दबिश दी गई, उनमें शामिल हैं:
- पटना – 2 ठिकाने
- पूर्णिया – 1 ठिकाना
- नालंदा – 1 ठिकाना
- मुंगेर – 1 ठिकाना
- जमशेदपुर (Jharkhand) – 1 ठिकाना
CBI ने इन सभी जगहों से दस्तावेज, डिजिटल डेटा और अन्य आपत्तिजनक सबूत जब्त किए हैं।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
CBI को यह घोटाला तब पकड़ में आया जब 2022-23 में बिहार-नेपाल सीमा स्थित कस्टम स्टेशनों — Jaynagar, Bhimnagar और Bhitthamore — से भारी मात्रा में टाइल्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स के असामान्य निर्यात की जानकारी मिली।
इन वस्तुओं के लिए बनाए गए बिलों की कीमत 10 लाख रुपये से कम थी, लेकिन उनमें फर्जीवाड़ा कर करीब 800 करोड़ रुपये का निर्यात दिखाया गया।
इन वस्तुओं पर 18% और 28% GST स्लैब होने के कारण, निर्यातकों को कुल 100 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड मिला।
मुख्य आरोपी कौन?
CBI की जांच में अब तक जो नाम सामने आए हैं, वे सभी सरकारी सेवा में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी हैं:
- Ranvijay Kumar – अतिरिक्त GST आयुक्त, पटना
- Neeraj Kumar, Manmohan Sharma, Tarun Kumar Sinha, Rajeev Ranjan Sinha – कस्टम अधीक्षक (Superintendents)
इसके अलावा, CBI ने अपनी FIR में 30 निर्यातकों और एक क्लियरिंग एजेंट, Ganga Singh (Kolkata) को भी नामजद किया है।
इन सभी पर फर्जी निर्यात बिल बनाकर ITC क्लेम कर टैक्स रिफंड लेने का आरोप है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने इन दावों को रिश्वत लेकर मंजूरी दी।
मामले में आगे क्या?
CBI की टीम अब जब्त दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की बारीकी से जांच कर रही है। यह भी संभावना है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, बरामद की गई सोने की छड़ें कथित तौर पर रिश्वत और काले धन से जुड़ी हैं।