पटना: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के 9 हाईकोर्ट को नए जज देने का फैसला किया है। इस ऐतिहासिक निर्णय में पटना हाईकोर्ट समेत दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा, राजस्थान, गुवाहाटी, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को नए जजों की नियुक्ति की स्वीकृति दी गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता में 1 और 2 जुलाई, 2025 को हुई कॉलेजियम बैठक में इन नियुक्तियों पर मुहर लगी।
पटना हाईकोर्ट को मिले दो अधिवक्ता जज
कॉलेजियम ने पटना हाईकोर्ट में दो अधिवक्ताओं को जज नियुक्त करने की स्वीकृति दी है। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट को तीन न्यायिक अधिकारियों के रूप में नए जज मिलेंगे। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के लिए 10 न्यायिक अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
ये हैं नियुक्त किए गए प्रमुख नाम
न्यायिक अधिकारियों की सूची में वीरेंद्र अग्रवाल, मंदीप पन्नू, प्रमोद गोयल, शालिनी सिंह नागपाल, अमरिंदर सिंह ग्रेवाल, सुभाष मेहला, सूर्य प्रताप सिंह, रूपिंदरजीत चहल, आराधना साहनी और यशवीर सिंह राठौर जैसे नाम शामिल हैं।
तेलंगाना और राजस्थान को भी मिले जज
तेलंगाना हाईकोर्ट के लिए अधिवक्ताओं गौसे मीरा मोहिउद्दीन, चलपति राव सुड्डाला, वक्ति रामकृष्ण रेड्डी और गादी प्रवीण कुमार को जज नियुक्त किया गया है। वहीं राजस्थान हाईकोर्ट में एक न्यायिक अधिकारी और एक अधिवक्ता को नियुक्त किया गया है।
गुवाहाटी और मेघालय हाईकोर्ट को भी नई नियुक्तियां
कॉलेजियम ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के लिए प्रांजल दास, संजीव कुमार शर्मा जैसे दो न्यायिक अधिकारियों के साथ अंजन मोनी कलिता और राजेश मजूमदार को अधिवक्ता से जज नियुक्त करने की सिफारिश की है। मेघालय हाईकोर्ट के लिए बिस्वदीप भट्टाचार्जी को स्थायी जज बनाया जाएगा।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी बड़ा बदलाव
कॉलेजियम ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पांच अधिवक्ताओं पुष्पेंद्र यादव, आनंद सिंह बहरावत, अजय कुमार निरंकारी, जय कुमार पिल्लई, हिमांशु जोशी को जज नियुक्त करने की सिफारिश की है। इनके अलावा पांच न्यायिक अधिकारियों राजेश कुमार गुप्ता, आलोक अवस्थी, रत्नेश चंद्र सिंह बिसेन, भगवती प्रसाद शर्मा, प्रदीप मित्तल को भी हरी झंडी दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का यह निर्णय न्याय प्रणाली को मिलेगा नया संबल
देश की न्यायिक व्यवस्था को सशक्त और संतुलित बनाए रखने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम समय-समय पर जजों की नियुक्ति करता है। 1 और 2 जुलाई की यह बैठक देश के 9 हाईकोर्ट के लिए ऐतिहासिक मानी जा रही है।