कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार को लेकर बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। बिहार बंद के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के रथ पर चढ़ने से रोके जाने के बाद अब चर्चाएं हैं कि कन्हैया कांग्रेस से किनारा कर प्रशांत किशोर (PK) की पार्टी जनसुराज से जुड़ सकते हैं। इस ओर इशारा जनसुराज के आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट ने भी किया है।
सोशल मीडिया पर जनसुराज ने पूछा- “क्या कन्हैया को बिहार की राजनीति में होना चाहिए?”
शुक्रवार को जनसुराज के आधिकारिक ‘JanSuraajForBihar’ हैंडल से एक पोस्ट किया गया जिसमें लिखा था, “कन्हैया कुमार के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या उन्हें बिहार की राजनीति में कांग्रेस के साथ रहना चाहिए या किसी और पार्टी में जाना चाहिए?” यह पोस्ट इस बात की ओर स्पष्ट संकेत देता है कि जनसुराज की नजर अब कन्हैया कुमार पर है।
पहले यूट्यूबर मनीष कश्यप, अब कन्हैया को जोड़ने की तैयारी
पीके की पार्टी जनसुराज पहले भी सोशल मीडिया सेंसेशन मनीष कश्यप को पार्टी में शामिल कर चुकी है। अब युवा नेता कन्हैया कुमार को भी जनसुराज में शामिल करने की योजना नजर आ रही है। यह रणनीति बिहार की राजनीति में जनसुराज को एक युवा चेहरा देने की कोशिश हो सकती है।
कौन हैं कन्हैया कुमार?
कन्हैया कुमार, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और बेगूसराय के बीहट गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत वामपंथी पार्टी से की और बाद में कांग्रेस में शामिल हुए। वे 2019 में CPI के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और 2021 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। हाल ही में वे बिहार कांग्रेस की ‘नौकरी दो, पलायन रोको’ यात्रा में भी प्रमुख चेहरा बने।
राहुल गांधी के रथ पर नहीं मिली जगह
बिहार बंद के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को उस रथ पर चढ़ने से रोक दिया गया जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सवार थे। वायरल वीडियो में देखा गया कि कन्हैया रथ से नीचे उतरते हैं, जबकि रथ पर महागठबंधन के लगभग एक दर्जन नेता मौजूद थे। इसके बाद से ही यह चर्चा शुरू हो गई कि उन्हें किनारे किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव से संबंधों में दरार?
2021 में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद से ही कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव के बीच राजनीतिक तालमेल को लेकर कई बार सवाल उठे। 2023 में जब कन्हैया एक सम्मेलन में पहुंचे, तो तेजस्वी ने उस कार्यक्रम से दूरी बना ली थी। हालांकि, जून 2025 में कन्हैया ने बयान दिया था कि “महागठबंधन की जीत के बाद तेजस्वी ही मुख्यमंत्री बनेंगे।”
कांग्रेस से मोहभंग या नई रणनीति?
कन्हैया कुमार को बिहार की राजनीति में बड़ा चेहरा माना जाता है, लेकिन कांग्रेस में उन्हें वह मंच नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी। जनसुराज उन्हें एक नई पहचान और रणनीतिक मंच दे सकता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या वाकई कन्हैया कुमार कांग्रेस छोड़कर PK की पार्टी में शामिल होंगे?
दोस्तों, आप लोगों की कन्हैया कुमार के बारे में क्या राय है? वो कैसे नेता हैं? क्या उन्हें बिहार की राजनीति में कांग्रेस के साथ ही सक्रिय रहना चाहिए या किसी और पार्टी से हाथ मिलाना चाहिए? और क्या आपको नहीं लगता कि उन्हें केंद्र की बजाय बिहार की राजनीति में ज़्यादा सक्रिय होना… pic.twitter.com/xOQjiaI6g5
— JanSuraajForBihar (@ForSuraaj) July 11, 2025