पटना: अब अगर आपने तय डेसिबल से तेज़ आवाज़ में डीजे बजाया, तो आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। Patna High Court ने Noise Pollution के मामलों को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को एक बड़ा निर्देश जारी किया है। आदेश के अनुसार, राज्य के सभी District Magistrates (DM), Senior Superintendents of Police (SSP) और Superintendents of Police (SP) को कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।
बोर्ड के नियम नहीं माने, तो लगेगा जुर्माना और जब्त होंगे डीजे
पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई डीजे तय मानक से अधिक डेसिबल पर बजाया जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाए। यदि संबंधित व्यक्ति जुर्माना देने से इनकार करता है, तो डीजे उपकरणों को जब्त किया जाएगा। Bihar State Pollution Control Board की ओर से जारी गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है।
हर थाने से मांगी जाएगी रिपोर्ट, हाईकोर्ट रखेगा नजर
कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी जिलों के थाने इन नियमों के पालन को लेकर उठाए गए कदमों की रिपोर्ट बोर्ड को सौंपें। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाए कि डीजे केवल तय डेसिबल पर ही चलें और किसी भी सार्वजनिक या धार्मिक कार्यक्रम में इसका उल्लंघन न हो।
‘नो हॉर्न जोन’ बनेंगे हॉस्पिटल और स्कूल
सभी डीएम और एसपी को यह भी आदेश दिया गया है कि उनके जिले के अस्पताल, स्कूल और कॉलेज ‘नो हॉर्न जोन’ घोषित किए जाएं। इसके लिए जगह-जगह संकेत बोर्ड लगाए जाएं और नगर निगम के वाहनों के माध्यम से आम जनता को लगातार जागरूक किया जाए।
न्यायमूर्ति राजीव रॉय की पीठ का सख्त रुख
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति Rajeev Roy की एकल पीठ ने की, जिन्होंने कहा कि राजधानी पटना समेत राज्यभर में बढ़ते Air और Noise Pollution का आम नागरिकों, खासकर वृद्धों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने इसे लेकर प्रशासन को तत्काल और प्रभावी कदम उठाने को कहा है।
बोर्ड के पत्र संख्या 300 और 301 का हवाला
कोर्ट ने अपने आदेश में Bihar Pollution Control Board द्वारा जारी पत्र संख्या 300 और 301 का हवाला देते हुए कहा कि इनका अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि डीएम और एसपी इस आदेश को गंभीरता से लें और रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें।
संदेश साफ है: शोर मचाया तो भरना पड़ेगा खामियाज़ा
पटना हाईकोर्ट का यह निर्देश साफ तौर पर राज्य में ध्वनि प्रदूषण पर लगाम कसने की बड़ी कवायद है। यह कदम न सिर्फ नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा, बल्कि लोगों को जागरूक भी करेगा कि तेज़ आवाज़ से केवल कान नहीं, ज़िंदगी भी बर्बाद हो सकती है।