BSRTC ने बताया कि फिलहाल राज्य में 20 CNG पिंक बसें संचालित हो रही हैं। पटना में 8, मुजफ्फरपुर में 4 और भागलपुर, गया, दरभंगा, पूर्णिया में 2-2 बसें दौड़ रही हैं। महिलाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए BSRTC अगस्त के अंत तक 80 और पिंक बसें सड़कों पर लाने की तैयारी में है, जिसमें से 35 बसें केवल पटना के लिए होंगी।
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन बसों में GPS, CCTV कैमरे, पैनिक बटन, चार्जिंग प्वाइंट और महिला कंडक्टर की व्यवस्था की गई है। जल्दी ही बसों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और मेडिकल किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे। BSRTC पटना के कॉलेजों में कैंप लगाकर पिंक बस पास भी जारी करेगा। साथ ही, महिला ड्राइवरों के लिए दो चरणों में रेजिडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करने जा रहा है।
कामकाजी महिलाओं और छात्राओं की पहली पसंद बनी पिंक बस
BSRTC के अधिकारियों का कहना है कि पिंक बसें खासतौर पर कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। सुरक्षित और भरोसेमंद परिवहन सुविधा होने के कारण इन बसों को महिलाओं ने हाथों-हाथ लिया है।
इस नई पहल से महिलाओं को जहां बेहतर सफर का विकल्प मिला है, वहीं बिहार सरकार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता साबित करने का मौका भी। आने वाले महीनों में यह सेवा और भी मजबूत और व्यापक होने की उम्मीद है।