तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर बिहार की राजनीति का पारा चढ़ा दिया है। Lalu Prasad Yadav के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव आज शाम पांच बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, जहां वे अपनी नई पार्टी या संगठन का ऐलान कर सकते हैं। Rashtriya Janata Dal (RJD) से निष्कासन के बाद तेज प्रताप के इस कदम को सियासी विद्रोह माना जा रहा है, जिससे यादव परिवार में अंतर्कलह खुलकर सामने आ सकती है।
तेज प्रताप यादव की पहचान बेबाक और बागी तेवर वाले नेता की रही है। चाहे वह अधिकारियों से भिड़ंत हो या फिर मंच से दिए गए उनके विवादित बयान, अक्सर वे खुद की पार्टी RJD को असहज स्थिति में डालते रहे हैं। Tejashwi Yadav को पार्टी की कमान दिए जाने के बाद से तेज प्रताप खुद को हाशिये पर महसूस कर रहे थे। अब यही उपेक्षा उन्हें अलग राह पर ले जाती दिख रही है।
अगर तेज प्रताप यादव नई पार्टी का गठन करते हैं तो इससे बिहार की राजनीति में नई समीकरण बनेंगे। विपक्षी दल जैसे कि BJP और JDU तेज प्रताप के इस फैसले को लालू परिवार की टूट के रूप में पेश करेंगे। सीटों पर भले ही तेज प्रताप का प्रभाव सीमित हो, लेकिन चुनावी माहौल में वे बड़ा नैरेटिव सेट कर सकते हैं, जो सीधे RJD को नुकसान पहुंचाएगा।
इसके बावजूद, तेज प्रताप ने कई मौकों पर पिता लालू प्रसाद यादव और भाई तेजस्वी यादव के लिए सम्मान और शुभकामनाएं दी हैं। त्योहारों और पारिवारिक आयोजनों में वे भाईचारे का संदेश देते नज़र आते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तेज प्रताप वाकई में बगावत करेंगे या फिर यह सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने की एक रणनीति है।
अब सबकी नजरें तेज प्रताप यादव की आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं। क्या वे नई पार्टी बनाकर तेजस्वी यादव के सामने चुनौती पेश करेंगे या फिर परिवार और राजनीति के बीच कोई संतुलन खोजेंगे? यह ऐलान तय करेगा कि बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा जाएगा या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक शिगूफा साबित होगा।