नवादा (बिहार): नवादा जिले के बिशनपुर गांव में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी और पिछले 10 वर्षों से नवादा के गोंदपुर मोहल्ले में फेरी का काम कर रहे अब्दुल करीन खान का शव गांव के ही एक आम के पेड़ से फांसी के फंदे पर झूलता मिला।
स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन कुछ सवाल हैं जो इस मौत को रहस्यमय बना रहे हैं।
आत्महत्या से पहले अब्दुल ने पत्नी से की थी बहस
शव के पास कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला है, लेकिन अब्दुल के कमरे में रहने वाले उसके दोस्त ने बताया कि उसका अपनी पत्नी से अक्सर फोन पर विवाद होता रहता था। शुक्रवार तड़के भी पत्नी और अन्य परिजनों से उसकी काफी बहस हुई थी।
दोस्तों के अनुसार, कभी पैसों को लेकर तो कभी घर की छोटी-छोटी बातों को लेकर पत्नी अब्दुल को मानसिक रूप से परेशान करती थी। इन झगड़ों से वह पिछले कुछ महीनों से तनाव में चल रहा था।
स्थानीय लोग बोले – मेहनती और शरीफ था अब्दुल
गोंदपुर मोहल्ले में रहने वाले लोग अब्दुल करीन खान को मेहनती और ईमानदार व्यक्ति बताते हैं। वह किसी से उलझता नहीं था और हमेशा अपने काम से मतलब रखता था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, उसने कभी भी ऐसा कदम उठाने के संकेत नहीं दिए थे।
पुलिस की जांच में खुल सकते हैं कई राज
हालांकि पुलिस इसे आत्महत्या मानकर जांच कर रही है, लेकिन परिस्थितियां कई सवाल खड़े कर रही हैं। क्या अब्दुल की मौत केवल पारिवारिक तनाव का नतीजा थी, या इसके पीछे कोई और गहरा राज छिपा है? क्या मानसिक प्रताड़ना आत्महत्या का कारण बनी?
पुलिस अब अब्दुल की कॉल डिटेल, पारिवारिक विवाद के पुराने रिकॉर्ड और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लगी है।