पटना में बालू कारोबारी रमाकांत यादव मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा, माफिया सिंडिकेट की साजिश बेनकाब!

रानीतालाब के धाना गांव में हुए हत्या कांड में बेटे की शिकायत पर FIR दर्ज, बड़े बालू माफिया अंजनी और उसके भाई पवन कुमार का नाम आया सामने

Sand Mafia Ramakant Yadav Murder Case Patna Breaking
Sand Mafia Ramakant Yadav Murder Case Patna Breaking (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना के रानीतालाब थाना क्षेत्र के धाना गांव में गुरुवार की शाम उस वक़्त अफरा-तफरी मच गई, जब जाने-माने बालू कारोबारी रमाकांत यादव को अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर दिया। घटना के समय रमाकांत यादव अपने घर के सामने स्थित बगीचे में टहल रहे थे। तभी अचानक बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाया और दो गोलियां उनकी छाती में मार दीं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हत्यारे फरार हो गए और इलाके में दहशत फैल गई।

FIR में नामज़द किए गए अंजनी मुखिया और उसका भाई पवन

मृतक के बेटे अभिषेक कुमार ने थाने में दर्ज कराई FIR में सीधे तौर पर एक बड़े बालू माफिया अंजनी और उसके भाई पवन कुमार का नाम लिया है। FIR के अनुसार, रमाकांत यादव को पहले से ही अंदेशा था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। अभिषेक ने बताया कि घटना के वक्त वह अपने पिता से कुछ ही दूरी पर मौजूद था और गोलियों की आवाज सुनते ही भागकर बगीचे की ओर गया, जहां उसके पिता खून से लथपथ पड़े थे। आनन-फानन में उन्हें NSIT हॉस्पिटल, बिहटा ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

जनपारा बालू घाट से जुड़ी थी दुश्मनी, कारोबारी नेटवर्क की जांच शुरू

FIR में कहा गया है कि जनपारा बालू घाट को लेकर रमाकांत यादव का अंजनी मुखिया से पुराना विवाद चल रहा था। यह घाट बिहार का सबसे महंगा नीलामी घाट माना जाता था, जिसे बाद में उदय राणा प्रताप ने सरेंडर कर दिया था। रमाकांत अक्सर घर में कहा करते थे कि अंजनी और पवन उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं।

सिंडिकेट की जड़ें बिहार से बाहर तक, SIT की दबिश शुरू

बताया जा रहा है कि रमाकांत यादव का बालू कारोबार बिहार से लेकर पड़ोसी राज्यों तक फैला हुआ था। इस नेटवर्क में कई सफेदपोश और बड़ी रकम निवेश करने वाले लोग भी शामिल थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी भानु प्रताप सिंह ने SIT (Special Investigation Team) गठित कर दी है। पुलिस ने अब तक चार लोगों को हिरासत में लिया है और लगातार छापेमारी की जा रही है।

अब आगे क्या?—कई बड़े नामों पर गिरेगा शिकंजा!

बालू माफिया सिंडिकेट की परतें अब खुलने लगी हैं। पुलिस की जांच अगर इसी तरह आगे बढ़ती रही, तो जल्द ही कई रसूखदारों के नाम भी उजागर हो सकते हैं। रमाकांत यादव की हत्या सिर्फ एक व्यक्तिगत रंजिश नहीं बल्कि करोड़ों के बालू कारोबार पर कब्जे की लड़ाई का नतीजा हो सकती है।

Share This Article
Exit mobile version