Maharashtra में जारी भाषाई विवाद के बीच राज्य सरकार ने मराठी प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। उपमुख्यमंत्री Devendra Fadnavis की सरकार ने घोषणा की है कि हर साल 3 अक्टूबर को ‘शास्त्रीय मराठी दिवस’ (Classical Marathi Day) के रूप में मनाया जाएगा। इसके अलावा, 3 से 9 अक्टूबर तक ‘शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह’ (Classical Marathi Language Week) भी आयोजित किया जाएगा।
मराठी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार का प्रयास
सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इस पूरे सप्ताह में मराठी भाषा को समर्पित कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें शास्त्रीय मराठी के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशालाएं और शिविर शामिल होंगे। साथ ही, प्राचीन मराठी ग्रंथों और ताम्रपत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिससे छात्र और आम जनता मराठी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें।
प्रत्येक जिले में बनेगी मराठी भाषा समिति
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को मराठी भाषा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है और उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे इस सप्ताह के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करें। आदेश में कहा गया है कि इन आयोजनों का उद्देश्य सिर्फ भाषा का उत्सव मनाना नहीं बल्कि मराठी भाषा की रिसर्च, संरक्षण और जनजागरण भी होगा।
भाषा विवाद में आया नया मोड़
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब राज्य में स्कूलों में हिंदी अनिवार्य किए जाने को लेकर भारी विरोध हो रहा है। कई संगठनों और बुद्धिजीवियों ने इसे मराठी के साथ अन्याय बताया था। अब राज्य सरकार का यह निर्णय मराठी भाषा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और एक राजनीतिक-सांस्कृतिक सन्देश भी देता है।