Strasbourg से सामने आए ऐतिहासिक निर्णय में यूरोप की सबसे बड़ी मानवाधिकार अदालत European Court of Human Rights (ECHR) ने रूस को 2014 में Malaysia Airlines Flight MH17 को मार गिराने का दोषी ठहराया है। इस भयावह त्रासदी में 298 लोग मारे गए थे। पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत ने रूस को इस घटना का दोषी माना है।
कैसे हुआ था यह दर्दनाक हादसा?
17 जुलाई 2014 को Flight MH17, जो कि एक Boeing 777 विमान था, Amsterdam से Kuala Lumpur जा रही थी। यह फ्लाइट उस समय पूर्वी यूक्रेन के उस हिस्से से गुजर रही थी जो रूस समर्थित विद्रोहियों के कब्जे में था। कोर्ट ने 501 पन्नों में दिए फैसले में कहा कि विमान को जानबूझकर Russia-made Buk Missile से गिराया गया। माना जा रहा है कि रूस ने विमान को सैन्य विमान समझकर हमला किया।
मरने वालों में 198 डच, 43 मलेशियाई, 38 ऑस्ट्रेलियाई और 10 ब्रिटिश नागरिक थे। कुल मिलाकर 17 देशों के नागरिकों ने अपनी जान गंवाई।
कोर्टरूम में पढ़ा गया फैसला, रूस की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल
ECHR के प्रमुख न्यायाधीश Matias Guomart ने कोर्ट में कहा, “रूस ने न केवल जिम्मेदारी लेने से इनकार किया, बल्कि जांच में भी सहयोग नहीं किया। यह पीड़ितों के परिजनों के लिए और अधिक दुखदायी रहा।” अदालत ने रूस के इस रवैये को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया।
सिर्फ MH17 ही नहीं, कोर्ट ने यह भी माना कि रूस 2014 से यूक्रेन में मानवाधिकार हनन जैसे हत्या, बलात्कार, यातना, नागरिक ढांचे का विनाश और बच्चों के अपहरण में शामिल रहा है।
यूक्रेन और नीदरलैंड्स की प्रतिक्रिया
Ukraine ने इस फैसले को “ऐतिहासिक” और “अभूतपूर्व” बताया। देश के जस्टिस मिनिस्ट्री ने टेलीग्राम पर लिखा, “यह रूस की अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही की ओर एक बड़ा कदम है।” वहीं Netherlands के विदेश मंत्री Wopke Hoekstra ने कहा, “यह फैसला पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक सशक्त कदम है।”
रूस का इनकार, फैसले को बताया “अमान्य”
Kremlin के प्रवक्ता Dmitry Peskov ने कहा, “हम इस फैसले को मान्यता नहीं देते। हमारे लिए यह निर्णय शून्य है।” रूस ने लगातार MH17 हादसे में अपनी भूमिका से इनकार किया है और यूक्रेनी सेना को दोषी ठहराता रहा है। लेकिन ECHR के फैसले ने साक्ष्यों के आधार पर यह साफ कर दिया कि मिसाइल रूस या उसके समर्थित विद्रोहियों ने दागी थी।
पहले भी दोषी ठहराए जा चुके हैं रूसी नागरिक
यह फैसला नीदरलैंड्स की उस आपराधिक कार्यवाही से अलग है जिसमें 2022 में दो रूसी और एक यूक्रेनी विद्रोही को अनुपस्थिति में हत्या का दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि रूस ने उन्हें आज तक प्रत्यर्पित नहीं किया है।
ICAO ने भी ठहराया था रूस को जिम्मेदार
May 2025 में संयुक्त राष्ट्र की विमानन संस्था ICAO (International Civil Aviation Organization) ने भी रूस को इस हादसे का जिम्मेदार बताया था। इसके बाद Australia और Netherlands ने रूस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की थी।