लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में आयोजित तीन दिवसीय ‘Mango Festival 2025’ का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. अवध शिल्प ग्राम में सजी इस भव्य प्रदर्शनी में देशभर से लाए गए 800 से अधिक किस्मों के आमों ने सबका ध्यान खींचा. सीएम योगी ने खासतौर पर दशहरी, लंगड़ा, गवर्जीत, आम्रपाली और रटोल जैसे खास किस्मों के बारे में जानकारी ली और बागवानों की सराहना की.
सीएम बोले- आम से बढ़ेगी किसानों की आमदनी, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम
अपने उद्घाटन भाषण में सीएम योगी ने कहा कि यह महोत्सव सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने का ठोस जरिया है. उन्होंने बताया कि लखनऊ, अमरोहा, सहारनपुर और वाराणसी में चार आधुनिक पैक हाउस तैयार किए गए हैं, जहां से आमों की गुणवत्ता और निर्यात मानकों की जानकारी दी जाती है. साथ ही दो देशों के लिए आमों का एयर कार्गो रवाना कर सरकार ने बागवानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में जोड़ने की पहल की है.
बुंदेलखंड से लेकर पूर्वी यूपी तक, सिंचाई और तकनीक ने बदली किसानी की तस्वीर
सीएम योगी ने बताया कि अर्जुन सहायक, सरयू नहर और बांध सागर जैसी परियोजनाओं से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिली है. अब किसान एक नहीं बल्कि तीन-तीन फसलें ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि हल्दी, अदरक और मक्का जैसी फसलों से भी अब किसान प्रति एकड़ लाखों की कमाई कर रहे हैं.
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से होगी हरियाली, 9 जुलाई को होगा 50 करोड़ पौधारोपण
सीएम योगी ने आगामी 9 जुलाई 2025 को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 50 करोड़ पौधे लगाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 2017 में जहां 5 करोड़ पौधारोपण बड़ी बात थी, अब उत्तर प्रदेश पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी मिसाल बन रहा है.
फूड प्रोसेसिंग, लोकल बिक्री और नवाचार पर जोर, कमिश्नरी लेवल पर होंगे आम महोत्सव
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि भविष्य में कमिश्नरी स्तर पर भी आम महोत्सव जैसे कार्यक्रम होने चाहिए, जिससे स्थानीय बागवान भी अपनी उपज को प्रदर्शित और बेच सकें. उन्होंने किसानों से फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी खेती अपनाने का आह्वान किया.
सम्मान, संगोष्ठी और स्मारिका विमोचन से सजी महफिल
महोत्सव के दौरान प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया, उन्हें पौधा और प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए. साथ ही महोत्सव की स्मारिका का विमोचन किया गया. इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.